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जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की आशंका, कोर्ट पहुंचे आजम खान, कहा जल्द हो सुनवाई

जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की आशंका, कोर्ट पहुंचे आजम खान,कहा जल्द हो सुनवाई

हाल ही में समाज वादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी।  सुप्रीम कोर्ट ने जमीन पर कब्जा और ठगी मामले में इन्हें अंतरिम जमानत दी थी।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी में बुलडोज़र के चलने और तोड़फोड़ की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। आजम खान ने अदालत से जल्द से जल्द सुनवाई शुरु करने की मांग की है और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करने को कहा है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले में चार महीने तक फैसला सुरक्षित रखते हुए दस मई को आजम खान को जमानत दी है।जमानत की शर्त के तौर पर विवादित 13.8 हेक्टेयर जमीन खाली करने को कहा गया है ।

अब  यूपी सरकार ने कहा है कि यह जमीन जहां हैं वहां जौहर यूनिवर्सिटी की जो बिल्डिंग बनी हैं उसे खाली किया जाए। इस तरह से यूपी सरकार इस यूनिवर्सिटी ढहाने की तैयारी कर रही है।

वहीं दूसरी ओर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए कहा कि जमानत की शर्त को जमीन से कैसे जोड़ा जा सकता है।

हालांकि उन्होंने याचिकाकर्ता को मेंशनिंग रजिस्ट्रार को पास जाने को कहा है। इससे पहले सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमीन पर कब्जा और ठगी मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। अनुच्छेद 142 के तहत विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर दी जमानत दी गई थी। दो हफ्ते में ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे।

नियमित जमानत पर फैसले तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केस के अजीबोगरीब तथ्यों को देखते हुए अंतरिम जमानत दे रहे हैं।

बता दें कि फरवरी 2020 में आजम खान ज़मीन ठगी के आरोप में सीतापुर की जेल में बंद किया गया था और हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। जिस से उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी

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