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ईंधन बढ़ती कीमतों के ख़िलाफ़ किसानों का धरना प्रदर्शन

ईंधन बढ़ती कीमतों के ख़िलाफ़ किसानों का धरना प्रदर्शन

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ईंधन और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टर और अन्य वाहन सड़क किनारे खड़े कर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनमें से कुछ ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध खाली एलपीजी सिलेंडर भी लाए थे। आंदोलनकारी किसानों ने भी कुछ मिनट अपने वाहनों का हॉर्न बजा कर सरकार को “नींद से जगाने” की भी कोशिश की। किसानों ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होने के लिए सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी भी की ।

बता दें कि धरना प्रदर्शन स्थल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

पंजाब के मोहाली, अमृतसर, लुधियाना, मोगा, रूपनगर और हरियाणा के सोनीपत, सिरसा और गोहाना में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए।

ग़ौर तलब है कि लुधियाना में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने ईंधन और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हर दिन, ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं, जिसका समाज के हर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

मोगा में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि डीजल की बढ़ती कीमतों से किसानों की लागत बढ़ जाएगी। हरियाणा के सिरसा में, एक प्रदर्शनकारी किसान ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में एक चार पहिया वाहन खींचने के लिए ऊंट ले आया। आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों की मांग है कि नए कृषि क़ानूनों को वापस लिया जाए और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाया जाए।

हालांकि, सरकार का कहना है कि कानून किसान हितैषी हैं। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के भी कई दौर चल चुके हैं।

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