आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कृषि कानूनों (Farm Laws) के लागू करने पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है साथ ही साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों पर बातचीत के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है. लेकिन ये भी ख़बर आ रही है कि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने के अलावा किसी भी बात को मानने से राजी नहीं हैं.
किसानों का पक्ष रख रहे वकील शर्मा ने बताया कि किसान संगठन सुप्रीम कोर्ट की ओर से कमेटी गठित किए जाने के पक्ष में नहीं हैं और वो कमेटी के समक्ष नहीं जाना चाहते हैं. लेकिन उनके जवाब में कोर्ट ने कहा कि ‘अगर किसान सरकार के समक्ष जा सकते हैं तो कमेटी के समक्ष क्यों नहीं?
आपको बता दें कि कोर्ट के फैसले पर किसान संगठनों ने असहमति जताई है. किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है. जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा.