किसान आंदोलन फिर होगा , एसकेएम ने दिया राष्ट्रपति को ज्ञापन

किसान आंदोलन फिर होगा , एसकेएम ने दिया राष्ट्रपति को ज्ञापन

संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम अपने ज्ञापन में केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा है कि किसान एक बार फिर आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

किसान आंदोलन साल भर से अधिक समय तक चलने के बाद केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद खत्म कर दिया गया था लेकिन अब संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

देश भर के किसान संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के रूप में मना रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान आंदोलन को स्थगित करने के अवसर पर सरकार के साथ जो समझौता हुआ था सरकार ने उसे अभी तक पूरा नहीं किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे ना किया तो फिर से किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा।

जिलाधिकारियों एवं तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए एसकेएम ने केंद्र सरकार के सभी वादों को लिखकर राष्ट्रपति के लिए भेजा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने ज्ञापन में कहा कि हमें बताते हुए बेहद दुख और रोष हो रहा है कि देश के किसानों के साथ एक बार फिर से धोखा हुआ है।

9 दिसंबर को केंद्र सरकार के जिस पत्र के आधार पर हमने आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया था सरकार ने उसमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया है जिससे नाराज देशभर के किसानों ने आज विश्वासघात दिवस मनाने का निर्णय लिया है। आप स्वंय सरकार की कथनी और करनी का अंतर देख सकते हैं।

सरकार किसानों के विश्वास को ना तोड़े। किसानों के धैर्य की परीक्षा बंद करें। राष्ट्रपति महोदय आप केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाएं और इन्हें जल्दी पूरा करवाएं। अगर सरकार अपने वादों से मुकर जाती है तो किसानों के पास फिर से आंदोलन शुरू करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।

याद रहे कि केंद्र सरकार के काले कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने तथा केंद्र की अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देशभर के किसानों ने एक लंबा आंदोलन चलाया था। संयुक्त मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में लिखा है कि किसान आंदोलन के चलते आपके हस्ताक्षर से काले कृषि कानूनों को रद्द किया गया जिसके बाद एसकेएम ने 21 नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए अन्य छह मुद्दों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित किया था।

किसान मोर्चा ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम पत्र लिखते हुए सरकार की ओर से आश्वासन दिया था और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया था। इस पत्र के बाद किसानों ने केंद्र सरकार पर भरोसा करते हुए 11 दिसंबर को आंदोलन स्थगित कर दिया था लेकिन अब केंद्र सरकार की ओर से किसानों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। अगर सरकार अपने आश्वासन से मुंह फेरती है तो किसानों के पास आंदोलन को फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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