नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाए। वहीं, भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने रेल रोको आंदोलन, NHAI का हाईवे खाली करवाने और बिजली चोरी , पश्चिम बंगाल दौरा और बीजेपी नेताओं के जाट बहुल इलाकों में जाकर कानून की खूबी समझाने जैसे कई मुद्दों पर जवाब दिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने NHAI के खाली कराने और बिजली चोरी पर कहा कि “अगर बिजली चोरी हो रही है तो बिजली का कनैक्शन दे दो, हम बिजली कहां से लाए, हम कहां चोरी कर रहे हैं”।
टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन किसी जाति विशेष का आंदोलन नहीं है, ना हम इसे किसी जाति विशेष का बनने देंगे, इनकी राजनीति ही तोड़फोड़ करने की है, पहले पंजाब हरियाणा में बांटना चाहते थे, फिर सिख और नॉन सिख में बांटने की बात हुई, अब इसे एक कम्यूनिटी से जोड़ने की बात है, ये किसी एक धर्म या समुदाय का आंदोलन नहीं है।
टिकैत ने कहा जो भी नेता आएंगे उनसे किसान सवाल पूछेंगे कि 10 साल पुराना ट्रेक्टर क्यों नहीं चल सकता? गन्ना बेल्ट का 12 हजार करोड़ रुपए बकाया है उसका भुगतान कब? उन नेताओं से पेंशन पर सवाल पूछा जाएगा कि जब आपकी 5 साल में पेंशन हो जाती है तो इनकी 20 साल में क्यों नहीं? अनाज की कीमतों पर, टोल और डीजल पर भी सवाल पूछेंगे, वो समझाने आएंगे तो हम सात आठ सवाल पूछेंगे।
उन्होंने कहा जो किसान है वो आने वाले नेताओं से MSP पर सवाल पूछे। मछली पालन करने वाले किसान को बहुत नुक्सान हो रहा है, छोटा मछुआरा सवाल करेगा। पर्यावरण को लेकर ऐसे बहुत से सवाल हैं, जोकि किसान हर नेता से पूछेगा। टिकैत ने रेल रोको आंदोलन को लेकर कहा कि ये आंदोलन रेल रोककर रेल चलवाने का आंदोलन है, रेल वैसे तो कम ही चल रही है लेकिन, जो आएगी उसके इंजन पर फूल चढ़ाएंगे, अपनी बात बताएंगे, हम तो सरकार से कह रहे हैं कि रेल चलाओ। रेल रोककर रेल चलाने का पहला आंदोलन देश में होगा।
सरकार से बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार जब चाहेगी तभी बात आगे बढ़ेगी, सरकार ही समाधान निकालेगी, सरकार बात तो करें तभी तो बीच का रास्ता तलाशा जाएगा।