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फ़ैज़ान अहमद की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि बर्बर हत्या है: फॉरेंसिक जांच में खुलासा

फ़ैज़ान अहमद की मौत आत्महत्या नहीं, बल्कि बर्बर हत्या है: फॉरेंसिक जांच में खुलासा

कलकत्ता: दूसरे पोस्टमार्टम के बाद यह खुलासा हुआ कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के छात्र फैज़ान अहमद की हत्या कर दी गई थी। एक साल बाद जांच में कलकत्ता हाई कोर्ट के सामने एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि फैज़ान के सिर पर तेज धार वाले हथियार से गर्दन के हिस्से में वार किया गया और फिर पीछे से गर्दन पर करीब से गोली मारी गई। कलकत्ता हाईकोर्ट आईआईटी मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे साल के छात्र फैज़ान अहमद के केस की सुनवाई कर रही है, जिसकी आंशिक रूप से सड़ी-गली लाश 14 अक्टूबर 2022 को केजीपी आईआईटी कैंपस के अंदर उसके हॉस्टल से बरामद हुई थी। बरामदगी के तुरंत बाद अधिकारियों और खड़गपुर पुलिस ने दावा किया था कि फैज़ान ने आत्महत्या की है।

जब उसकी मौत की चौंकाने वाली खबर परिवार तक पहुंची और वे खड़गपुर पहुंचे, तो लाश को देखकर उन्होंने तर्क दिया कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता और यह हत्या है। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद खड़गपुर पुलिस ने भी यही दावा दोहराया। हालांकि पोस्टमार्टम में यह साबित नहीं हो सका कि 23 वर्षीय युवक की मौत कैसे हुई। इसके बाद माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया। अदालत ने फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. अजय गुप्ता को नियुक्त किया जिन्होंने दूसरे पोस्टमार्टम की सिफारिश की।

ताजा पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि फैज़ान का मामला हत्या की प्रकृति का था। न्यायमूर्ति राज शेखर मंथा की अदालत ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित की और कहा कि भविष्य की जांच हत्या के दृष्टिकोण से होगी। लेकिन कोलकाता पुलिस एसआईटी की जांच को रोकने के लिए डिवीजन बेंच के पास गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि आईआईटी केजीपी भी इस मामले को रद्द करने के लिए डिवीजन बेंच के पास गया था। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हीरनामयी भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा, जिसने फैज़ान अहमद की मौत को हत्या करार दिया था और आईपीएस अधिकारी केजे रमन की अध्यक्षता में एसआईटी जांच को जारी रखा।

एसआईटी का अब तक का कार्य
असम के तिनसुकिया के निवासी फैज़ान अहमद की हत्या की जांच का आदेश 14 जून 2023 को दिया गया था। और मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायमूर्ति मंथा ने आरोपी के नार्को टेस्ट का भी आदेश दिया था। लेकिन एसआईटी ने अक्टूबर में ही इस मामले को बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ाया। महत्वपूर्ण बात यह है कि अदालत के इस आदेश के बाद भी कि हत्या के कोण से जांच की जाए, जांच एजेंसी ने आत्महत्या के सिद्धांत पर ही जांच जारी रखी।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ?
फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. गुप्ता ने 21 मई को न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता की अदालत में अपनी विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट जमा की और बताया कि फैज़ान को पहले तेज धार वाले हथियार से गर्दन में वार किया गया और फिर उसके पीछे से बिल्कुल करीब से गोली मारी गई। इसके बाद, अदालत ने एसआईटी को आदेश दिया कि वह पीड़ित की गर्दन के बाहरी दाहिने हिस्से के ऊपरी हिस्से का वीडियो और स्टील फोटो जमा करे। एसआईटी को यह भी कहा गया कि वह डॉ. गुप्ता से परामर्श करे, जिन्हें अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करनी होगी और इसके लिए आवश्यक दस्तावेज और सहायता प्रदान करनी होगी। और अब सुनवाई न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत में होगी। न्यायमूर्ति सिन्हा को 13 जून को इसकी सुनवाई करनी थी, लेकिन मामला सूचीबद्ध नहीं हुआ था।

फैज़ान की मां रेहाना अहमद ने फोन पर ई न्यूज़ रूम को बताया कि “आईआईटी खड़गपुर के अधिकारियों और एसआईटी को मेरे बेटे की हत्या के संबंध में कई सवालों के जवाब देने होंगे। और अगर मुझे न्याय नहीं मिलता है, तो इसका मतलब है कि किसी भी मां का कोई भी बच्चा आईआईटी में सुरक्षित नहीं है।” फैज़ान के वकील रंजीत चटर्जी ने ई न्यूज़ रूम को बताया कि “फॉरेंसिक विशेषज्ञ की विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमारे इस रुख की पुष्टि करती है कि यह हत्या का एक स्पष्ट मामला था।

अपनी रिपोर्ट में पश्चिम मिदनीपुर के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने उल्लेख किया है कि फैज़ान की खून से सनी लाश तालाब में पाई गई थी, जो केवल इस दावे को साबित करती है कि उन्हें चाकू मारा गया और गोली मारी गई। इस दिशा में अब तक एसआईटी ने जांच क्यों नहीं की, इस पर भी अदालत को ध्यान देना चाहिए।”

क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष अक्तूबर में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लाला लाजपत राय हॉल में बंद कमरे से दुर्गंध आने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची कमरे का दरवाजा खोला, तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र 23 वर्षीय फैजान अहमद मृत पाया गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके, शोक जताया था।

पुलिस के मुताबिक मृतक छात्र असम के तिनसुकिया का निवासी था। जानकारी मिली थी कि छात्र दो दिनों से लापता था। वह फैजल राजेंद्र प्रसाद हॉल में रहता था। पुलिस ने तब बताया था कि यह पता नहीं चल पाया है कि वह क्यों और कब एलएलआर हॉल में गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन पुलिस सभी तरीके से इस मामले की जांच कर रही है। घटना की जानकारी मिलने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर शोक जताया था।

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