फडणवीस सरकार, मनोज जरांगे की 8 मांगों में से 6 मांगे मानने पर सहमत
ओबीसी वर्ग में मराठों को कुनबी दर्जे में शामिल कर आरक्षण देने की माँग के साथ बीते 5 दिनों से मुंबई के आज़ाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे की माँग पूरी हो गई है। फडणवीस सरकार की ओर से उनकी 8 में से 6 माँगें पूरी करने की लिखित आश्वासन दिया गया। जिसके बाद मराठा सामाजिक कार्यकर्ता ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर घर वापसी का ऐलान किया। सरकार द्वारा माँगें मान लिए जाने के बाद मनोज जरांगे के साथ मुंबई आए हज़ारों मराठा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर जश्न मनाना शुरू कर दिया।
राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जूस पिलाया
मराठा आरक्षण देने के लिए गठित कैबिनेट की उपसमिति के अध्यक्ष और मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल संबंधित अधिकारियों के साथ मनोज जरांगे से मिलने आज़ाद मैदान पहुँचे। उन्होंने आरक्षण देने और प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मामलों को वापस लेने जैसी कई माँगों को स्वीकार करने का ऐलान किया और अपील की कि, अब मनोज जरांगे अपना आंदोलन ख़त्म कर लौट जाएँ।
जरांगे ने भी सरकार की अपील मानते हुए आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया और समर्थकों से शांति से अपने-अपने गाँव लौटने की अपील की। इस समय वे भावुक हो गए। उन्होंने बेहद भावुक अंदाज़ में अपने हज़ारों समर्थकों को संबोधित किया। इसके बाद विखे पाटिल ने उन्हें जूस का गिलास पिलाकर भूख हड़ताल ख़त्म करवाई। इसी दौरान फडणवीस सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए हैदराबाद गजट और सतारा गजट लागू करने का आश्वासन दिया।
एक भी मंत्री को सड़कों पर घूमने नहीं देंगे: जरांगे
सरकार द्वारा अहम माँगें मान लिए जाने के बाद आंदोलन समाप्त करते हुए मनोज जरांगे बेहद भावुक हो गए और आँसू नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि, मराठों ने पहले भी लड़ाइयाँ लड़ीं और जीतीं, और अब भी हमने जीत हासिल की है। हमारी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर यह साबित हुआ कि हैदराबाद गजट के लागू करने में धोखाधड़ी हुई है या हमें टरकाया जा रहा है, तो हम एक भी मंत्री को सड़कों पर घूमने नहीं देंगे।

