महाराष्ट्र में पवार-उद्धव की धोखेधड़ी वाली राजनीति’ का अंत: अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शरद पवार की लंबे समय से चल रही धोखाधड़ी की राजनीति का अंत बीजेपी की विधानसभा चुनावों में जबरदस्त जीत के साथ हो गया है, जिससे एक स्थिर सरकार बनाने के संकल्प को मजबूती मिली है।
शिर्डी में राज्य बीजेपी के सम्मेलन का उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया। इस कार्यक्रम में करीब 15,000 पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य मंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले समेत अन्य नेताओं ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे की ‘परिवारवादी और धोखाधड़ी की राजनीति’ को खारिज कर दिया है और उन्हें 2024 के चुनाव में उनकी जगह दिखा दी। उन्होंने कहा कि पवार ने 1978 से महाराष्ट्र में ‘धोखाधड़ी और छल’ की राजनीति शुरू की थी, जिसे अब जनता ने 2024 के चुनाव में खारिज कर दिया है।
अमित शाह ने आगे कहा कि 2024 के चुनाव में जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे परिवारवाद और धोखाधड़ी की राजनीति को स्वीकार नहीं करते, और यही संदेश पवार और उद्धव ठाकरे को मिल चुका है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ के पतन का भी जिक्र किया और कहा कि ‘‘दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के बीच मतभेदों के कारण यह गठबंधन अब टूट रहा है।’’
शाह ने कहा कि यह गठबंधन अपनी नींव में मजबूत नहीं है और इसके आंतरिक मतभेद सामने आ चुके हैं। शाह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल करेगी और पार्टी का मनोबल ऊंचा है।
नितिन गडकरी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की शानदार जीत के बाद लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की बड़ी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एक आत्मनिर्भर, मजबूत और खुशहाल भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि ‘‘महाराष्ट्र में जीत के बाद राज्य में सुराज्य लाना है। सत्ता के माध्यम से समाज में बदलाव लाना है। चुनाव में जीत या हार से कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है, हमारा काम ही हमारी पहचान है।’’