ISCPress

आपातकाल से हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को गहरा आघात लगा: राष्ट्रपति मुर्मू

आपातकाल से हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को गहरा आघात लगा: राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज अपने भाषण में संविधान पर आपातकाल को सबसे बड़ा हमला बताया और इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान हमारे संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना पर प्रहार किया गया था, जिससे हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को गहरा आघात लगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना “हम, भारत के लोग” इन शब्दों से शुरू होती है, जो हमारे लोकतंत्र की बुनियादी भावना को व्यक्त करती है। आपातकाल के दौरान इस भावना का हनन हुआ था और संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि हमें हमेशा अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और अधिकारों की सुरक्षा करनी चाहिए।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए और समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों जो हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को खतरे में डालें।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों की समस्याओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को न्याय और विकास के समान अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने न्यायपालिका और विधायिका की स्वतंत्रता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह स्वतंत्रता ही हमारे संविधान की सच्ची आत्मा है।

महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने न्यायपालिका से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया और कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल नारे नहीं होने चाहिए, बल्कि इसे हकीकत में बदलना चाहिए।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में देश के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत और अनुसंधान ने देश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है। उन्होंने डिजिटल इंडिया मिशन और अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में भारत की प्रगति की तारीफ की और कहा कि यह हमारे देश की ताकत का प्रतीक है।

इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अपने पारंपरिक जीवन-मूल्यों को पुनः स्थापित करना होगा और प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करना होगा।

अंत में, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और हमें एकजुट होकर अपने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए काम करना होगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहें और समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए काम करें।

Exit mobile version