बिहार चुनाव से पहले हिंसा पर संज्ञान ले चुनाव आयोग: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग से अपील की है कि बिहार विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण बनाने के लिए हाल ही में हुई हिंसात्मक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाए जाएं।
सोमवार को दिए गए अपने बयान में मायावती ने कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार कटघरे में है, क्योंकि बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान हुई हिंसक घटनाओं से यह सवाल खड़ा होता है कि इसका लाभ किसे मिल रहा है और यह राज्य की राजनीतिक दिशा और चुनावों को किस तरह प्रभावित करेगा।
मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “बिहार में विशेषकर दलितों, पिछड़ों, शोषितों, गरीबों और उनकी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, हत्याएं और जातीय शोषण हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पहले जारी हिंसा और राजधानी पटना में भाजपा के नेता और प्रसिद्ध उद्योगपति श्री गोपाल खेमा का सनसनीखेज मर्डर, राज्य की कानून-व्यवस्था की बिगड़ती हालत और राजनीतिक तापमान को नए सिरे से गरमा रहा है।”
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग अभी से ही इस खून-खराबे का संज्ञान लेकर जरूरी कार्रवाई करे तो चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराए जा सकते हैं। बीएसपी प्रमुख ने यह भी सवाल उठाया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान ये हिंसक घटनाएं किसके इशारे पर और किसके हित में हो रही हैं। इस मामले में सिर्फ राज्य सरकार ही नहीं, बल्कि सियासत भी काफी गरमा गई है। अब देखना यह है कि इसका राज्य के चुनावों और राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ता है।
मायावती ने कहा कि बीएसपी एक ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़े वर्गों, शोषितों, वंचितों, गरीबों और मेहनतकशों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती है और अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मेहनत के बल पर ही बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है। इसीलिए चुनाव आयोग से हमारी अपील है कि वह बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, बाहुबल, धनबल और आपराधिक शक्तियों से मुक्त रखने के लिए समय रहते सख्त कदम उठाए ताकि चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष हो सके।

