एकनाथ शिंदे को विश्वासघात की सजा मिली: कांग्रेस
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का नतीजा आए 10 दिन होने वाले हैं, लेकिन अभी भी मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस बरकरार है। 3 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से CM फेस अनाउंस करेंगे। वहीं, डिप्टी CM अजित पवार ने शनिवार को कहा- सीएम भाजपा का होगा, यह तय हो गया है और शिवसेना-NCP से 1-1 डिप्टी CM होगा।
शपथ ग्रहण समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। महायुति सरकार में मंत्रालय बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। दिल्ली में बैठक करके लौटे एकनाथ शिंदे सभी कार्यक्रम रद्द कर अचानक 29 नवंबर को सतारा स्थित पैतृक गांव चले गए। एक दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। फिलहाल उनकी हालत ठीक है।
अब सीएम पद पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘महायुति गठबंधन की कहानी धोखे, राजनीतिक पतन की कहानी है। पहले एकनाथ शिंदे ने अपने राजनीतिक गुरु के परिवार को धोखा दिया। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, ‘बीजेपी ने उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया और अब उनका इस्तेमाल करने के बाद, इस्तेमाल करो और फेंक दो की नीति के तहत उन्हें मक्खी की तरह बाहर फेंक दिया। एकनाथ शिंदे विश्वासघात की सजा भुगत रहे हैं। भाजपा की राजनीति में कोई विश्वसनीयता और विश्वास नहीं है।’
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी भाजपा और सुप्रीम कोर्ट पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो सरकार सत्ता में आई थी वह संविधान के खिलाफ बनी थी और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं। राउत ने सवाल उठाते हुए कहा “10 दिन बीत गए हैं और भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद सरकार नहीं बन पाई। भाजपा अकेले भी सरकार बना सकती है फिर देरी क्यों हो रही है?”
सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।