डॉ. अलीमुल्लाह खान को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का प्रवक्ता बनाया गया
नई दिल्ली: अजय राय के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान संभालने के बाद पार्टी में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने रविवार को प्रदेश प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट की सूची जारी की है। इस सूची के मुताबिक 15 प्रदेश प्रवक्ता, 17 मीडिया पैनलिस्ट बनाए गए हैं. जाने-माने पत्रकार और लेखक डॉ. अलीमुल्लाह खान को प्रदेश प्रवक्ताओं की सूची में जगह मिली है।
गौरतलब है कि डॉ.अलीमुल्लाह खान को सामाजिक आंदोलनों का एक बड़ा चेहरा माना जाता है। ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस पार्टी बुद्धिजीवियों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों को पार्टी में जगह देकर लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जड़ें मजबूत कर रही है।
डॉ. अलीमुल्लाह खान छात्र जीवन से ही कांग्रेस की विचारधारा पर काम कर रहे हैं। अपने छात्र जीवन के दौरान उन्होंने देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक जेएनयू में एनएसयूआई से उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था और यह पहली बार था कि एनएसयूआई के किसी उम्मीदवार को 1000 से अधिक वोट मिले थे। इसके बाद उन्होंने एनएसयूआई में विभिन्न पदों पर रहते हुए कई वर्षों तक संगठन की सेवा की।
डॉ. अलीमुल्लाह खान ने आलाकमान के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम और सत्यनारायण पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज देश और उत्तर प्रदेश की जो मौजूदा स्थिति है, और जिस तरह से नफरत की राजनीति बढ़ रही है, उससे हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं।
सकारात्मक चरित्र निर्माण एवं उच्च नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा देश की साझा विरासत की रक्षा की है। समाज के हर वर्ग को विकास का एक मॉडल दिया है, आज वह विरासत बिखर रही है, इस विरासत को बचाने की जरूरत है। कांग्रेस नफरत की राजनीति के खिलाफ मजबूती से खड़ी है।
बता दें कि डॉ. अलीमुल्लाह खान ने 3 साल तक जेनयू, एनएसयूआई में महासचिव और 2 साल तक उपाध्यक्ष रहने के अलावा दोसो चुनाव में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। और उन्होंने देशभर के छोटे-बड़े छात्र आंदोलनों में सशक्त भूमिका निभाई है। इसके अलावा डॉ. अलीमुल्लाह खान एनआरसी आंदोलन से हाशिये पर पड़े सभी लोगों की मजबूत आवाज बन गये हैं। वह मशहूर किताब ‘बाइज़्ज़त बरी’ के लेखक भी हैं।