वंदे मातरम् पर चर्चा, बंगाल चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश: प्रियंका गांधी
संसद में राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में हुई चर्चा ने राजनीतिक माहौल को असामान्य रूप से गरमा दिया। सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। बहस का मुख्य केंद्र वंदे मातरम् का इतिहास, इसके स्वीकार होने की प्रक्रिया, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका, तथा उन मतभेदों पर रहा जो अलग-अलग समय पर इस गीत को लेकर सामने आते रहे हैं।
बहस के दौरान सबसे अधिक ध्यान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के वक्तव्य ने खींचा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया कि वंदे मातरम् पर चर्चा को वास्तविक राष्ट्रीय मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार इस विषय को आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से जोड़कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार चर्चा की दो प्रमुख वजहें हैं: पहली, पश्चिम बंगाल चुनावों की नजदीकी; और दूसरी, प्रधानमंत्री की राजनीतिक उपस्थिति को अधिक प्रमुखता देना।
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं और ऐतिहासिक संदर्भों पर नए सिरे से सवाल उठाकर जनता का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और अन्य जन-जीवन से जुड़े वास्तविक मुद्दों से हटाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनाव जीतने के उद्देश्य से नहीं बल्कि देश के व्यापक हितों के लिए खड़ा है। भाजपा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे कांग्रेस कितने भी चुनाव हार जाए, वह सरकार की विचारधारा का लोकतांत्रिक रूप से मुकाबला करती रहेगी और उसे दबाया नहीं जा सकता।
इस पूरी बहस के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी विपक्ष के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि वंदे मातरम् भारतीय स्वाभिमान का प्रतीक है तथा इस पर चर्चा किसी भी राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को सम्मान देने के लिए की जा रही है। बहस के गर्म माहौल ने संसद के पूरे दिन को राजनीतिक रूप से बेहद सक्रिय बना दिया।

