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आस्था के नाम पर मौत की डुबकी, कुंभ के बाद फिर कोरोना स्प्रेडर न बन जाए हरिद्वार

आस्था के नाम पर मौत की डुबकी, कुंभ के बाद फिर कोरोना स्प्रेडर न बन जाए हरिद्वार देश भर में एक बार फिर कोरोना वायरस विकराल रूप लेता नजर आ रहा है ।

आस्था के नाम पर हरिद्वार में उमड़ता श्रद्धालुओं का जन सैलाब इस बात से लापरवाह नजर आ रहा है कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच उनका बेखौफ होकर स्नान करना लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है ।

आस्था किसी की जान से बढ़कर नहीं हो सकती । हर की पैड़ी पर पहुंच रहे श्रद्धालु शायद इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं । कोरोना नियमों की अनदेखी करते हुए श्रद्धालुओं का हुजूम हर की पैडी और हरिद्वार के बाजारों में घूम रहा है। कोरोना नियमों की अनदेखी कर स्नान के बदले पुण्य कमाने के बजाय अन्य लोगों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है।

इन लोगों को ना तो कोई रोक रहा है ना ही कोई टोकने वाला है। बिना मास्क घूमने वालों की चेकिंग तो दूर कोविड-19 की रैंडम चैकिंग तक नहीं हो रही है । यह हाल तब है जब उत्तराखंड में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है । खुद हरिद्वार में तेजी से कोरोनावायरस फैल रहा है । बीते 11 दिनों में यहां 1407 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं । चिकित्सा व्यवस्था भी भगवान के भरोसे हैं।

संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए हालांकि जिला प्रशासन ने 14 जनवरी के मकर सक्रांति स्नान पर रोक लगा दी है लेकिन जिला प्रशासन हरिद्वार में कोविड-19 पर कोई सख्ती करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। देशभर से हजारों लोग हर की पैड़ी पर गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं । वैक्सीन प्रमाण पत्र और आईटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जांचने का दावा किया जा रहा है लेकिन ट्रेन और बसों से आने वाले यात्रियों की कोई जांच नहीं हो रही है। हरिद्वार में बाहरी राज्यों से आने वाले अधिकतर श्रद्धालु ट्रेनों और बसों से आ रहे हैं । वहीं हरियाणा और राजस्थान से निजी ट्रेवल एजेंसियों की बसों के माध्यम से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी लगातार जारी है।

हर की पैडी पहुंचने वाले अधिकतर यात्री बिना मास्क के होते हैं जिनके पास मास्क है भी, तो वह भी ठीक से नहीं लगाते । हरकी पैड़ी के आसपास श्रद्धालुओं का हुजूम है जिसमें बच्चों से लेकर बड़े लोग तक शामिल हैं।

कोरोना के खतरों से सचेत करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन कह चुका है कि कोरोना वायरस का सर्वाधिक खतरा बच्चा एवं वृद्ध लोगों को है । ऐसे में आस्था के डुबकी लगाने हरिद्वार पहुंच रहे लोगों को पुण्य मिले या ना मिले लेकिन उन की लापरवाही से हजारों लोगों कोरोना वायरस जरूर मिल सकता है । मंगलवार को भी हर की पैडी पर हजारों लोगों की भीड थी जिनमें अधिकांश बिना मास्क के थे।

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