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नोटबंदी एक सोची समझी साजिश थी: राहुल गांधी

नोटबंदी एक सोची समझी साजिश थी: राहुल गांधी

8 नवंबर, 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि रात्रि 12 बजे से 500 और 1000 के नोट प्रचलन में नहीं रहेंगे। उन्होंने इन नोटों को बैन करने का ऐलान किया। इसके बाद जिन लोगों के पास 500-1000 के नोट थे, उन्हें इन्हें जमा कराने का ऑप्शन भी मिला। उस समय लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगकर नोटों को जमा कराते हुए देखा गया था। ऐसी ही लंबी-लंबी लाइनें एटीएम के बाहर भी लगा करती थीं।

नोटबंदी की सालगिरह पर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी एक सोची समझी साजिश थी। इसके जरिए रोजगार को तबाह किया गया और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़कर रख दिया गया है। उन्होंने नोटबंदी को एक हथियार बताया, जिसके जरिए परम मित्र की झोली भरकर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर शख्स बनाया गया। नोटबंदी की बरसी को आज सात साल पूरे हो गए हैं। सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था।

सरकार का कहना था कि नोटबंदी का ऐलान इसलिए किया गया है, ताकि काला धन समाप्त किया जा सके उसकी तरफ से ये भी तर्क दिया गया था कि नोटबंदी की वजह से लोगों के पेमेंट का तरीका कैश से डिजिटल की तरफ हो जाएगा। कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की थी। कांग्रेस का कहना था कि इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। राहुल गांधी भी ये बात दोहराते रहे हैं। उनका कहना है कि इसके जरिए कुछ खास लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश हुई।

राहुल गांधी ने नोटबंदी पर हमला करते हुए एक्स पर लिखा:
नोटबंदी एक सोची समझी साज़िश थी
– रोज़गार तबाह करने की
– श्रमिकों की आमदनी रोकने की
– छोटे व्यापारों को खत्म करने की
– किसानों को नुकसान पहुंचाने की
– असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की
99% आम भारतीयों पर हमला, 1% पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ को फायदा।
ये एक हथियार था, आपकी जेब काटने का – परम मित्र की झोली भर कर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का!

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