दिल्ली दंगा: SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश
दिल्ली दंगों के दौरान घायल मुस्लिम युवकों को जबरन ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए मजबूर करने के मामले में एक पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत ने ज्योति नगर थाने के SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता उन लड़कों में शामिल था, जिन्हें पुलिस ने जबरदस्ती ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए बेरहमी से पीटा था। इस मामले में फैजान नाम के युवक की मौत भी हो गई थी।
कड़कड़डूमा कोर्ट के जज उद्भव कुमार ने SHO के खिलाफ IPC की धारा 295A, 323, 342 और 506 के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वर्तमान SHO इस मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के किसी जिम्मेदार अधिकारी को नियुक्त करे और जांच के दौरान अपराध में शामिल अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका का भी पता लगाए।
वहीं, अदालत ने हाल ही में एक याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए संबंधित MP/MLA कोर्ट का रुख करे। न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास उद्भव कुमार जैन ने माना कि पुलिस या तो मिश्रा के खिलाफ जांच में विफल रही है या फिर जानबूझकर उसे बचा रही है। उन्होंने शिकायतकर्ता मोहम्मद वसीम को निर्देश दिया कि वह कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए MP/MLA कोर्ट से संपर्क करें, क्योंकि वह पूर्व विधायक हैं।
शिकायतकर्ता मोहम्मद वसीम ने अदालत में एक आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि 24 फरवरी 2020 को कर्दमपुरी पुलिया के पास एक अवैध समूह था। उन्होंने उनमें से कपिल मिश्रा की पहचान की थी, जो कथित तौर पर अवैध सभा का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलाईं। शिकायत के अनुसार वसीम ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ लिया और पीटना शुरू कर दिया। आरोप है कि दिल्ली पुलिस के जवान, कपिल मिश्रा और उसके साथियों का पूरा साथ दे रहे थे।
वसीम ने आरोप लगाया कि चार पुलिसकर्मियों ने उसे उठाकर ऐसी जगह फेंक दिया जहां पहले से ही दूसरे घायल लोग पड़े थे। उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया और उससे राष्ट्रगान गाने और वंदे मातरम कहने को कहा।

