दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दिया
दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की वजह बताई है। लवली ने 4 पेज की चिट्ठी खड़गे को भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
हालांकि उनका यह बयान किसी को रास नहीं आ रहा है, क्योंकि कांग्रेस-आप कार्यकर्ता इस गठबंधन से उत्साहित नज़र आ रहे हैं। उनके इस्तीफ़े और इस्तीफ़े के लिए बताए गए कारणों को इस गठबंधन के विरुद्ध साज़िश के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह इससे पहले भी कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं और दोबारा शामिल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं। अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर AAP नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा- कांग्रेस पार्टी हमारी गठबंधन सहयोगी है और उनकी पार्टी का यह आंतरिक मामला है। मुझे लगता है कि वह ही इस बारे में बोलें तो ज्यादा बेहतर होगा।
वहीं भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा- कांग्रेस में सब ठीक-ठाक नहीं है। कांग्रेस में एक परिवार ही सब कुछ चलाना चाहता है, जिससे जमीनी नेता परेशान हैं। कल तक कांग्रेस जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती थी आज वे उन्हीं लोगों के साथ समझौता करके चुनाव लड़ रहे हैं। ये कैसे संभव है? लोगों को घुटन हो रही है इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं।