दिल्ली धमाका देश में अशांति फैलाने की एक घृणित साज़िश है: शाही इमाम बुखारी
दिल्ली में लाल किले के पास हुए हालिया ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना की शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ़ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि देश में अशांति फैलाने की एक “घृणित और संगठित साज़िश” है। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों का उद्देश्य भारत की एकता, स्थिरता और सामाजिक सामंजस्य को चोट पहुँचाना है, जिसे किसी भी हाल में कामयाब नहीं होने देना चाहिए।
मौलाना बुखारी ने ब्लास्ट में घायल और प्रभावित लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेना सबसे बड़ा अपराध है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस्लाम किसी भी प्रकार की हिंसा, आतंकवाद या निर्दोषों के ख़ून बहाने की अनुमति नहीं देता। उनके अनुसार, आतंकवादी समूह धर्म का नाम लेकर समाज को बांटने और देश की सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, जिनका सभी नागरिकों को मिलकर सामना करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान पूरी तरह भारतीय हैं और देश के कश्मीरी, सिख और अन्य सभी समुदायों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। शाही इमाम ने कहा कि किसी भी धर्म या जाति के नाम पर हिंसा फैलाने की कोशिशों को एकजुट होकर नकारना होगा, क्योंकि यह हमला सिर्फ़ किसी एक समुदाय पर नहीं बल्कि पूरे भारत की अखंडता और राष्ट्रीय पहचान पर प्रहार है।
मौलाना बुखारी ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की कि इस आतंकी घटना की निष्पक्ष, व्यापक और तेज़ जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि असली अपराधियों को पकड़ा जाना बेहद ज़रूरी है, और इसके साथ “इंसाफ होता हुआ भी दिखना चाहिए” ताकि लोगों का भरोसा बना रहे और आतंकवादी शक्तियों को स्पष्ट संदेश जाए कि भारत ऐसे कृत्यों का जवाब देने में सक्षम है।
शाही इमाम ने कहा कि धमाके के ज़रिए देश में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन भारत जैसे विविधता वाले राष्ट्र में सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि वे एक साथ खड़े रहकर शांति और भाईचारे को मज़बूत करें। उन्होंने अंत में अपील की कि देश की अमन-पसंद जनता को सतर्क रहकर ऐसे किसी भी प्रयास को नाकाम करना चाहिए ताकि आतंकवादी ताकतें अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल न हों।

