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धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में मंदिरों का निर्माण और संचालन, सरकार का काम नहीं: थरूर

धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में मंदिरों का निर्माण और संचालन, सरकार का काम नहीं: थरूर

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने भी राम मंदिर के उद्घाटन के लिए सरकारी गतिविधियों की आलोचना की और कहा, “इस धर्मनिरपेक्ष देश में, केंद्र सरकार सहित किसी भी सरकार को किसी भी धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।” धर्मनिरपेक्षता का मूल सिद्धांत है कि सरकार का कोई धर्म नहीं होता।

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है, सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के बुद्धिजीवी माने जाने वाले शशि थरूर ने बीजेपी का नाम लिए बिना मीडिया को देश हित पहले रखने की सलाह देते हुए कहा कि, मीडिया को किसी के हाथ का खिलौना नहीं बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर इवेंट, जिसे पूरा देश जानता है, को पिछले कुछ दिनों से मीडिया ने इस तरह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, जैसे उसके पास दूसरा कोई काम धंधा नहीं है। इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि उन लोगों को फायदा होगा जो राम मंदिर आयोजन को अपने राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं। वह इसके द्वारा अपनी विफलताओं, बेरोजगारी और आसमान छूती महंगाई से जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं।

जब शशि थरूर से पूछा गया कि क्या उन्हें राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रित किया गया है? तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें न्योता नहीं दिया गया है और अगर बुलाया भी जाएगा तो वह नहीं जा पाएंगे, लेकिन सरकार से यह जरूर कहेंगे कि लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करें और असली मुद्दों पर राजनीति शुरू करें। देश के विकास, एकता और अखंडता के लिए वास्तविक समस्याओं का समाधान जरूरी है।

बता दें कि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित सभी को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है, लेकिन किसी भी नेता ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि वे इसमें शामिल होंगे या नहीं? हालांकि, कल सीताराम येचुरी ने इसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है और उन्होंने अपने इनकार की वजह भी बताई है।

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