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बीजेपी सरकार में संवैद्यानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है: राहुल गांधी

बीजेपी सरकार में संवैद्यानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है: राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी हर समय संविधान पर हमला कर रही है और मोदी सरकार जनता के अधिकारों को एक उद्योगपति के हाथों सौंप रही है। देश के किसानों, मजदूरों, गरीबों को तबाह करके दलितों और पिछड़े वर्गों का हिस्सा उन्हें दिया जा रहा है। संविधान के 75 साल के शानदार सफर पर चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने आज कहा कि ‘अभय मुद्रा’ का दर्शन भगवान शिव, भगवान कृष्ण, गुरु नानक, महात्मा बुद्ध, कबीर जैसी महान हस्तियों से आया था।

यह संविधान इन महान व्यक्तियों की ‘अभय मुद्रा’ की भावना से आया है, जिसमें सभी को निर्भीक रहने को कहा गया था। मनुस्मृति आज का कानून है और यह उसी सावरकर ने कही थी जो RSS के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। जब RSS के लोग संविधान की बात करते हैं तो वे अपने नेता और उनके विचारों को गाली देते हैं और उनका अपमान करते हैं। उत्तर प्रदेश में संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति का कानून लागू है, जहां गरीबों की बात नहीं सुनी जा रही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें भारतीय कुछ नहीं है। यह बात उस नेता ने कही है जिसने बीजेपी के विचारों को बढ़ावा दिया और जिसकी बीजेपी के लोग पूजा करते हैं। राहुल गांधी ने एकलव्य और द्रौणाचार्य का उल्लेख करते हुए कहा कि जब एकलव्य ने तीरंदाजी में महारत हासिल कर ली तो द्रौणाचार्य ने गुरु दक्षिणा में उनका अंगूठा मांग लिया। इसी तरह आज बीजेपी भारत के भारत के युवाओं का अंगूठा कांटने में लगी है, युवाओं को परेशान करने में व्यस्त है और सरकार सभी काम अडानी को दे रही है, जिससे देश के युवा, गरीब और कमजोर परेशान हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना लाकर सरकार ने युवाओं को बर्बाद किया है, सरकार ने 70 बार पेपर लीक कर के युवाओं को बर्बाद किया है। किसान अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन किसानों की बात नहीं हो रही है और उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। राहुल ने बीजेपी पर लगातार और 24 घंटे संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी जनता के संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है, जबकि विपक्षी गठबंधन संविधान को बचाने का काम कर रहा है।

बीजेपी सरकार में संवैद्यानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है, इसलिए यह गठबंधन देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और किसानों के हित के लिए जाति आधारित जनगणना करेगा, ताकि देश में नई प्रकार की राजनीति की शुरुआत हो सके। देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की जो दीवार खड़ी की गई है, उसे संसद में तोड़ा जाएगा।

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