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छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव कराने पर सहमति

छठ के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव कराने पर सहमति

बिहार में चुनावी तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में पहुंचे चुनाव आयोग के दल ने शनिवार को राज्य की 12 राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात की। बातचीत के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों इस बात पर सहमत नज़र आए कि विधानसभा चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद कराए जाएं। छठ का आरंभ 25 अक्टूबर से होगा।

इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि, चुनाव जितने कम चरणों में हो सके उतना बेहतर होगा। एनडीए ने एक ही चरण में पूरे राज्य में मतदान कराने का सुझाव दिया, जबकि इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों ने दो चरणों में चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा। याद रहे कि 2020 के विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे।

पटना में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दोनों आयुक्त सुखबीर सिंह संधू व विवेक जोशी, जो शुक्रवार को बिहार पहुंचे थे, रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और फिर दिल्ली लौट जाएंगे। संभावना है कि अगले हफ्ते की शुरुआत में बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

चुनाव आयुक्त ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि “राजनीतिक दलों ने मांग की कि बिहार चुनाव छठ के बाद कराए जाएं ताकि अधिकतम मतदाता भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मतदान कम से कम चरणों में संपन्न कराया जाए। दलों ने आयोग द्वारा एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय करने के फैसले के लिए आभार जताया।”

हटाए गए नामों की सूची की मांग
विपक्षी गठबंधन (महागठबंधन या इंडिया ब्लॉक) में शामिल राजद (RJD) और सीपीआई (एमएल) ने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग दोहराई। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने मतदाता सूची की “विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR)” के बाद जारी अंतिम सूची से 3.66 लाख से अधिक नाम हटाए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने आयोग से मांग की कि हटाए गए मतदाताओं की अलग सूची कारणों सहित सार्वजनिक की जाए।

राजद के प्रवक्ता चित्रंजन गगन, जो आयोग से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने कहा —“हमने दो चरणों में चुनाव की मांग की है और SIR के दौरान दावे-आपत्तियों पर पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल उठाए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि “आयोग ने नाम काटने के कारण नहीं बताए हैं। हमने मांग की कि, नए मतदाताओं को जल्द से जल्द फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं।”

योजनाओं के नाम पर पैसे बांटने पर आपत्ति
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार चुनाव से ठीक पहले विभिन्न योजनाओं के नाम पर नागरिकों के खातों में पैसे डाल रही है, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। राजद ने आयोग से यह भी अनुरोध किया कि, चुनावी प्रचार के दौरान नेताओं पर निजी हमले करने से सभी पार्टियों को रोका जाए।

“SIR पर धन्यवाद नहीं देंगे?”
चित्रंजन गगन ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हमसे पूछा — “क्या आप हमें विशेष पुनरीक्षण के लिए धन्यवाद नहीं कहेंगे?”
हमने जवाब दिया — “हम आपको केवल बिहार आने पर स्वागत करते हैं, धन्यवाद नहीं।”

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