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राजस्थान में करणपुर सीट पर कांग्रेस की जीत भाजपा के लिए बड़ा झटका

राजस्थान में करणपुर सीट पर कांग्रेस की जीत भाजपा के लिए बड़ा झटका

राजस्थान में श्रीगंगा नगर की करणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रूपिन्दर सिंह कुन्नर ने जीत दर्ज कर ली है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी और मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को करीब 12570 से अधिक वोटों से मात दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रूपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की बधाई देते हुए कहा कि ‘श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व। गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।’

हालांकि करणपुर सीट पर हार-जीत से किसी भी पार्टी को कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। लेकिन, यह चुनाव दोनो पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है, लेकिन इस सीट पर जीतना या हारना बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।

गोविंद सिंह डोटासरा ने जीत की बधाई देते हुए भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ‘भाजपा की नई “पर्ची सरकार” इधर कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलती रही, उधर जनता ने इनका मंत्री ही बदल दिया।

वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरसी चौधरी ने कहा कि ”करणपुर की जनता ने लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं रखने वाली भाजपा को हराया है, जनता ने भाजपा को हराकर संदेश दिया है कि राजस्थान शौर्य की धरती है, ना यहां किसी खरीदा जा सकता और ना ही लोभ और प्रलोभन के अन्दर झुकाया जा सकता’।

कांग्रेस ने करणपुर सीट पर सहानुभूति कार्ड खेलते हुए दिवगंत विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे रुपेंद्र कुन्रर को टिकट देकर उम्मीदरवार बनाया है। रुपेंद्र कुन्रर अपने पिता के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वहीं, गुरमीत सिंह इस सीट पर कई बार के विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर उम्मीदवार उतारा है आप ने पृथ्वीपाल सिंह को टिकट दिया गया है।

बीजेपी ने करणपुर सीट से जिस प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। उसे ही हाल में मंत्री बना दिया है। बीजेपी ने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को उम्मीदवार बनाया है जिन्हें बीते दिनों हुए मंत्रिमंडल विस्तार में राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। माना जा रहा था कि चुनाव को देखते हुए इस सीट पर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि ये दांव वोटर्स को लुभाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर किया गया है।

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