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कांग्रेस अपना फैसला खुद लेगी, 17 हज़ार लोगों से बात करेंगे पीके

कांग्रेस अपना फैसला खुद लेगी, 17 हज़ार लोगों से बात करेंगे पीके

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने फिलहाल अपने राजनीतिक दल के गठन का इरादा त्याग दिया है लेकिन वह राजनीति में आने या इस मैदान से दूर रहने का फैसला अपनी 3000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा में 17000 से अधिक लोगों से बातचीत के बाद लेंगे।

पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक के बाद चर्चा होने लगी थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। प्रशांत किशोर से कांग्रेस को लेकर भी सवाल हुए तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस को क्या करना है, उन्हें आगे कैसे काम करना है यह फैसला खुद कांग्रेस पार्टी को करना है, मुझे नहीं।

कांग्रेस के संबंध में बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस को जो सही लगा उन्होंने निर्णय लिया। मुझे लगता है कि कांग्रेस के पास पहले से ही काफी समझदार एवं सक्षम लोग हैं। वहां मुझ से भी अधिक सक्षम और समझदार लोग हैं। ऐसे में कांग्रेस को किसी प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के पदाधिकारी जानते हैं कि उन्हें पार्टी को कैसे आगे लेकर जाना है और उन्हें क्या करने की आवश्यकता है।

3000 किलोमीटर पदयात्रा की घोषणा करने वाले प्रशांत किशोर पश्चिमी चंपारण में स्थित गांधी आश्रम से अपनी पदयात्रा शुरू करेंगे जिस में वह 17000 -18000 लोगों से मुलाकात करेंगे ताकि बिहार को विकास की ओर ले जाने के नए आइडिया खोज सकें। प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी के गठन की योजना का खुलासा तो नहीं किया लेकिन इस की संभावना से इनकार नहीं किया है।

बिहार की बदहाली का उल्लेख करते हुए प्रशांत किशोर ने राजद और जदयू को निशाने पर लेते हुए कहा कि 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी बिहार देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। बिहार विकास के मामले में आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। भविष्य में अगर हमें अग्रिम राज्यों की सूची में स्थान बनाना है तो नई सोच और नए प्रयास की आवश्यकता है।

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