कांग्रेस को बीएमसी चुनाव अकेले लड़ना चाहिए: वर्षा गायकवाड़
बिहार चुनावों के निराशाजनक परिणामों के बाद एशिया की सबसे अमीर नगर निकाय बृहन्मुंबई (बीएमसी) पर कब्ज़ा करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी?
इस संदर्भ में मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने शनिवार को साफ कर दिया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की स्पष्ट मांग है कि, आगामी बीएमसी चुनाव में कांग्रेस स्वतंत्र रूप से और अपनी ताकत के दम पर उतरे। उन्होंने कहा कि मुंबई के लोग भ्रष्टाचार और अक्षम प्रशासन से परेशान हैं, इसलिए कांग्रेस को स्वयं संचालित अभियान के ज़रिए जनता का भरोसा वापस हासिल करना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए वर्षा गायकवाड़ ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी शिवसेना (उद्धव), जिसने कई दशकों से बीएमसी पर शासन किया है, पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि, नगर निकाय में भ्रष्टाचार का दायरा बहुत बड़ा है और वर्षों से कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने सार्वजनिक संसाधनों का निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया है।
इस दौरान वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि बीएमसी चुनाव मुख्य रूप से कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता और जनसेवा की भावना से जुड़े होते हैं, और पार्टी के भीतर इस बात पर सहमति है कि कांग्रेस को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि कार्यकर्ताओं के इस रुख को एआईसीसी के प्रभारियों रमेश चेन्निथला और अन्य वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया गया है। इस संबंध में रमेश चेन्निथला ने कहा कि नगर निकाय चुनाव गठबंधन में लड़ना है या अलग, इसका फैसला पार्टी की स्थानीय नेतृत्व इकाई से पूछकर ही किया जाएगा।
वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है और यहां से अरबों रुपये का टैक्स इकट्ठा होता है। इसके बावजूद नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्षों से बीएमसी के फंड का दुरुपयोग होता रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं को उजागर करना और भ्रष्टाचार के खिलाफ वास्तविक जन आंदोलन चलाना है, इसलिए कांग्रेस को अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए।एमएनएस से गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर वर्षा गायकवाड़ ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि “लोगों के साथ मारपीट करना और हिंसा फैलाना कांग्रेस की संस्कृति नहीं है। इसलिए किसी भी तरह की उकसाने वाली राजनीति करने वालों के साथ कांग्रेस का गठबंधन संभव नहीं है।”

