चीन की हरकतों पर मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम चीन द्वारा बदले जाने की घटना पर भी प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने और अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताने संबंधी खबरों पर मोदी की ओर से साधी गई चुप्पी पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन की इस हरकत का उल्लेख करते हुए करते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले हम 1971 के युद्ध में भारत की गौरवपूर्ण जीत को याद कर रहे थे। देश की सुरक्षा और विजय के लिए सूझबूझ और मजबूत फैसलों की जरूरत होती है। खोखले जुमलो से जीत नहीं मिलती।
मोदी सरकार को कमजोर बताते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए चीनी खतरों पर प्रधानमंत्री मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि साल के अंत में चीन हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है। चीन ने पहले ही पूर्वी लद्दाख में देपसांग मैदानों और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स का अतिक्रमण किया और कब्जा कर लिया है। चीन ने अरुणाचल में गाँव बसाया है और मिस्टर 56 ने एक शब्द भी कहने से इंकार कर दिया। कमजोर सरकार मौन पीएम।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी एक संवाददाता सम्मेलन में हैरानी जताते हुए कहा कि चीन की कार्यवाही का मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री कब कोई मजबूत कदम उठाएंगे ? गौरव वल्लभ ने कहा क्या हमारी प्रतिक्रिया चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने तक ही सीमित रहेगी ? जबकि भारत और चीन के बीच व्यापार का आंकड़ा 100 अरब डालर को भी पार कर गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चीन की हरकतों का कड़ा जवाब देना चाहिए और सरकार के ऐसे हर कदम को कांग्रेस का समर्थन मिलेगा।
याद रहे, चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के साथ नए नामों की घोषणा करते हुए अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताया है। भारत सरकार ने चीन के दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा था कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा। गढ़े गए नामों से यह तथ्य बदल नहीं जाएगा।
बता दें कि इससे पहले जून 2020 में भी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारतीय सेना के दर्जन भर से अधिक जवान मारे गए थे तथा चीन के भी कई सैनिकों की मौत हुई थी। लद्दाख की घाटी में हुई इस झड़प में भारत के 20 सैन्य कर्मी शहीद हुए थे। पिछले 45 सालों में यह भारत चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई सबसे हिंसक झड़प थी।