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कांग्रेस ‘अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की कोशिश में: अमित शाह

कांग्रेस ‘अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की कोशिश में: अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने राहुल गाँधी और कांग्रेस पर कई कई गंभीर आरोप लगाए। शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह संविधान की भावना के खिलाफ जाकर अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की बात कर रही है, जो उनके अनुसार, भारतीय संविधान का उल्लंघन है। झारखंड रैली में गृहमंत्री के भाषण का सारांश:

1. राहुल गांधी पर संविधान का अपमान करने का आरोप
अमित शाह ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक ऐसी संविधान की प्रति दिखाई जिसमें वास्तविक सामग्री नहीं थी। शाह का कहना है कि राहुल गांधी ने ऐसा करके संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा का अपमान किया है। शाह ने इसे ‘संविधान का मजाक’ करार दिया और दावा किया कि संविधान को इस तरह प्रस्तुत करना विश्वास के खिलाफ है। शाह ने कहा कि इस तरह की हरकत से न केवल संविधान का मजाक उड़ाया गया है बल्कि देश की न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

2. धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध
गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कभी अनुमति नहीं देगी। शाह के अनुसार, कांग्रेस ने महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है, जो संवैधानिक और न्यायिक परंपराओं के विरुद्ध है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के इस प्रस्ताव से ओबीसी, दलितों और जनजातियों के आरक्षण को खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने इसे ‘अन्य पिछड़ा वर्गों के खिलाफ साजिश’ करार दिया।

3. अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग देशद्रोह के समान
शाह ने कांग्रेस के नेताओं पर अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के रहते ऐसा कभी नहीं हो सकता। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि उनकी चौथी पीढ़ी भी इस अनुच्छेद को बहाल नहीं कर सकती। अमित शाह के अनुसार, अनुच्छेद 370 को हटाना देश की एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण कदम था और इसे बहाल करने की मांग देशद्रोह के समान है।

4. संविधान दिवस मनाने का संकल्प
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि अब हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संविधान की रक्षा के संकल्प को मजबूत करना है। मोदी सरकार का यह कदम भारतीय संविधान के प्रति सम्मान और आदर को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।

5. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा पर हमला
अमित शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले गठबंधन पर भी हमला करते हुए इसे राज्य के विकास में बाधा डालने वाला बताया। शाह ने इस गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा सरकार के समय जो विकास हुआ था, उसे मौजूदा गठबंधन सरकार ने रोक दिया है।

6. कांग्रेस की राजनीति केवल वोट बैंक के लिए
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति केवल वोट बैंक के लिए है और यह पार्टी अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए आरक्षण जैसी संवेदनशील मुद्दों का सहारा ले रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस द्वारा अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की योजना संविधान का अपमान है और इससे सामाजिक तानाबाना बिगड़ सकता है।

शाह का यह बयान चुनावी रैली के दौरान आया, जहां उन्होंने बीजेपी के विचारों और संकल्प को स्पष्ट रूप से रखा। भाजपा का यह दृष्टिकोण अल्पसंख्यक आरक्षण को लेकर स्पष्ट है और धर्म के आधार पर आरक्षण देने का विरोध है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस पर क्या जवाब देती है, खासकर चुनावी मौसम में जब अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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