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भाजपा को निर्विरोध जिताने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा से मिला लिया था हाथ: दैनिक भास्कर

भाजपा को निर्विरोध जिताने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा से मिला लिया था हाथ: दैनिक भास्कर

लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग चरणों में वोटिंग का दौर जारी है और नतीजे 4 जून को आएंगे, मगर मतदान से पहले ही भाजपा ने एक सीट जीत ली है। सूरत सीट से भारतीय जनता पार्टी निर्विरोध तौर पर जीत गई है। कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।

अब सवाल उठता है कि आखिर सूरत में कांग्रेस कैंडिडेट के साथ ऐसा क्या हुआ कि वोटिंग के बगैर ही भाजपा जीत गई? अब इस मामले में नया मोड़ आया है। दैनिक भास्कर अखबार ने मंगलवार 23 अप्रैल की अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा की​ निर्विरोध जीत के लिए कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभाणी ने ही भाजपा से हाथ मिला लिया था। भाजपा की ओर से कुंभाणी को ऑपरेशन निर्विरोध की स्क्रिप्ट मिली थी। इसके अनुसार ही नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई को अंधेरे में रखते हुए पैंतरे चले थे।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट
कुंभाणी ने अपने नामांकन पत्र के प्रस्तावकों में कांग्रेस कार्यकर्ता-कैडर मेंबर की बजाय रिश्तेदार और करीबियों को रखा। कुंभाणी ने अपने पर्चे में प्रस्तावक बहनोई जगदीया सावलिया और बिजनेस पार्टनर ध्रुविन धामेलिया और रमेश पोलरा को बनाया। नीलेश कुंभाणी ने कांग्रेस पार्टी के डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का प्रस्तावक भी अपने भांजे भौतिक कोलडीया को बनवाया। पर्चा दाखिल करते वक्त भी कुंभाणी किसी भी प्रस्तावक को चुनाव अधिकारी के सामने नहीं ले गए।

फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन में चला ऑपरेशन निर्विरोध
चारों प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर फर्जी होने का शपथपत्र दे दिया और खुद अंडर ग्राउंड हो गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाई गई। कोई भी सामने नहीं आया। इसके बाद कुंभाणी और डमी प्रत्याशी सुरेश पडसाला का पर्चा खारिज हो गया। सूरत में भाजपा के इस ऑपरेशन निर्विरोध का एपिसेंटर बना सूरत का फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन। यहां से 24 घंटे तक ऑपरेशन निर्विरोध की कार्रवाई का संचालन हुआ। ये कवायद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल की सीधी निगरानी में हुई।

सपा प्रत्याशी को क्राइम ब्रांच ने होटल पहुंचाया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर प्यारेलाल भारती सहित छोटे दलों के 4 प्रत्याशी सूरत से मैदान में थे। वह सूरत से वडोदरा पहुंच कर एक फॉर्म हाउस में जा बैठे। प्यारेलाल की खोजबीन शुरू हुई। बसपा प्रत्याशी से संपर्क न होने पर क्राइम ब्रांच जुटी। लोकेशन के आधार पर कार्रवाई हुई। सोमवार को वह सूरत लौटने के साथ ही फाइव स्टार होटल ली-मैरेडियन पहुंचे। भाजपा ने साम-दाम दंड भेद की नीति अपनाई। इसी तर्ज पर सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी, ग्लोबल रिपब्लिकन पार्टी और लोग पार्टी सहित सभी 4 दलों के प्रत्याशियों ने अंतिम दिन सोमवार को नामांकन पत्र वापस लेकर भाजपा का रास्ता साफ कर दिया।

निर्दलीयों को आमने-सामने बैठाया और हो गए राजी
इससे पहले चार निर्दलीय प्रत्याशियों को राजी किया गया। फोन कर इन्हें होटल बुलाया गया। जहां निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान छोड़ने को राजी हो गए। ऑपरेशन निर्विरोध के लिए इनका चुनाव मैदान से हटना जरूरी था। इसलिए संबंधित प्रत्याशियों के समाज के लोगों से संपर्क साधा। भाजपा नेताओं को राजी करने का जिम्मा सौंपा गया। सभी निर्दलीयों ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापस लिया। दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट के बाद प्रश्न यह उठता है कि, इस सीट के लिए इतनी सेटिंग क्यों की गई ? क्या भाजपा यह सीट हार रही थी? क्योंकि सूरत भाजपा का गढ़ माना जाता है।

इसके साथ ही यह प्रश्न भी उठता है कि कांग्रेस प्रत्याशी को ऑपरेशन निर्विरोध की स्क्रिप्ट भाजपा ने दी थी, या भाजपा प्रत्याशी ने? क्या भाजपा को गुजरात में झटका लगने वाला है और “इंडिया गठबंधन” मज़बूत स्थिति में आ गया है ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर के लिए चुनाव नतीजों पर सभी की नज़रें टिकी रहेंगी।

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