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कांग्रेस ने 16वीं जनगणना की अधिसूचना को निराशाजनक बताया

कांग्रेस ने 16वीं जनगणना की अधिसूचना को निराशाजनक बताया

कांग्रेस ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा 16वीं जनगणना को लेकर जारी की गई अधिसूचना को फीका बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इस अधिसूचना में जाति को जनगणना में शामिल करने पर चुप है। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या यह सरकार का एक और “यू-टर्न” है। विपक्षी पार्टी ने जोर देकर कहा कि केंद्र को न केवल जातिगत गणना बल्कि जातिवार सामाजिक-आर्थिक मानकों पर विस्तृत डेटा लाने के लिए भी तेलंगाना मॉडल अपनाना चाहिए।

कांग्रेस ने सरकार से पूछा है कि क्या यह एक और ‘यू-टर्न’ है। पार्टी ने केंद्र सरकार से तेलंगाना मॉडल अपनाने की मांग की है। पार्टी के अनुसार यह मॉडल जाति जनगणना और जाति के आधार पर सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों को जुटाने में मदद करेगा। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को एक्स पोस्ट पर कहा कि 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में होने वाली 16वीं जनगणना की अधिसूचना निराशाजनक (damp squib)है।

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में होने वाली 16वीं जनगणना को लेकर बहुप्रचारित राजपत्र अधिसूचना जारी हुई है, लेकिन यह एक दम तोड़ती घोषणा है। एक्स पर जयराम रमेश ने लिखा कि लंबे इंतज़ार के बाद बहुप्रचारित 16वीं जनगणना की अधिसूचना आखिरकार जारी हो गई है। लेकिन यह एकदम खोदा पहाड़, निकली चुहिया जैसा है – क्योंकि इसमें 30 अप्रैल 2025 को पहले से घोषित बातों को ही दोहराया गया है।

कांग्रेस पार्टी लगातार जाति जनगणना की मांग कर रही थी। इसी वजह से पीएम को ये मांग माननी पड़ी। पहले पीएम ने कांग्रेस नेताओं को ‘अर्बन नक्सली’ कहा था, क्योंकि वे ये मांग कर रहे थे। मोदी सरकार ने संसद और सुप्रीम कोर्ट दोनों जगह जाति जनगणना का विरोध किया था। लेकिन सरकार ने 47 दिन पहले इसकी घोषणा कर दी।’

जयराम मेश ने कहा, ‘आज जो सरकारी नोटिफिकेशन आया है, यह जनगणना में जाति को शामिल करने पर साइलेंट है। क्या ये सरकार का एक और यू-टर्न है? या फिर सरकार बाद में इस बारे में जानकारी देगी?’

नोटिफिकेशन में लिखा है, ‘जनगणना के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 का 00.00 बजे होगा। यह नियम लद्दाख और जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से ढके गैर-समकालिक क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा।’ लद्दाख और जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 का 00:00 बजे होगी। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में जनगणना पहले शुरू होगी।

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