ISCPress

कांग्रेस ने 2024-25 के बजट को ‘कुर्सी बचाने वाला बजट’ बताया

कांग्रेस ने 2024-25 के बजट को ‘कुर्सी बचाने वाला बजट’ बताया

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2024-25 के बजट को ‘कुर्सी बचाने’ के लिए सहयोगियों को खुश करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के न्याय एजेंडे की नकल करने की असफल कोशिश है।

खड़गे ने अपने बयान में कहा, “मोदी सरकार का यह ‘नकली बजट’ कांग्रेस के न्याय के एजेंडे की सही ढंग से नकल भी नहीं कर पाया है। यह बजट सिर्फ अपने सहयोगी भागीदारों को धोखा देने के लिए अधपकी ‘रेवड़ी’ बांट रहा है ताकि एनडीए की सरकार बच सके। यह देश की प्रगति का बजट नहीं है, बल्कि मोदी सरकार को बचाने का बजट है।” खड़गे ने जोर देकर कहा कि यह बजट आम जनता की समस्याओं को हल करने में पूरी तरह विफल रहा है और इसे सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए तैयार किया गया है।

राहुल गांधी ने भी बजट की कड़ी आलोचना की और कहा, “यह एक ‘कुर्सी बचाने’ का बजट है। सहयोगियों को खुश करने के लिए और अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खाली वादे किए जा रहे हैं। अपने दोस्तों को खुश करने के लिए बजट बनाया गया है, आम भारतीयों को कोई राहत नहीं मिली है। यह कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजट की नकल है।” राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बजट में आम नागरिकों के हितों की अनदेखी की गई है और यह सिर्फ कुछ खास वर्गों के लिए फायदेमंद है।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा, “सरकार ने कई सामान्य मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दिया है। बजट में मनरेगा, स्वास्थ्य आदि के संबंध में कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया है। सरकार ने उन मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया है जो वास्तव में देश की जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं।” थरूर ने कहा कि बजट में आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं और यह सिर्फ खोखले वादों का पुलिंदा है।

पार्टी नेता जयराम रमेश ने बजट को अत्यंत निराशाजनक बताया और कहा, “इसमें दस वर्षीय जनगणना के लिए फंड जारी करने का उल्लेख नहीं है। जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं कराई गई है और आजादी के बाद यह पहला मौका है जब जनगणना समय पर नहीं हुई। जनगणना का समय पर न होना राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं पर एक बड़ी रुकावट है और इसके गंभीर नकारात्मक परिणाम होते हैं। इसके कारण 10-12 करोड़ लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर हो जाते हैं।”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार का यह बजट देश की जनता के लिए नहीं, बल्कि अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए बनाया गया बजट करार दिया है, जिसमें आम जनता की समस्याओं और आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया है।

Exit mobile version