Site icon ISCPress

बिहार में जीत के बाद तय होगा CM फेस: कांग्रेस

बिहार में जीत के बाद तय होगा CM फेस: कांग्रेस 

आजादी के बाद पहली बार आज यानी 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हो रही है। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत कांग्रेस से सीनियर लीडर मौजूद हैं। ये मीटिंग शाम 4 बजे तक चलेगी। मीटिंग से पहले सदाकत आश्रम में झंडोतोलन किया गया। बैठक से पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों से कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कोई फैसला जीतने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी का मानना है कि CWC की यह बैठक बिहार में सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साल 2023 में तेलंगाना में भी चुनाव के समय इसी तरह की बड़ी CWC बैठक हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी। इस अनुभव से पार्टी को बिहार में भी फायदा उठाने की उम्मीद है।

बैठक से कांग्रेस को क्या होगा फायदा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक सिर्फ संगठनात्मक औपचारिकता नहीं है। यह विपक्षी एकता और कांग्रेस की केंद्रीय भूमिका को जनता के सामने पेश करने का एक अवसर भी है। CWC की बैठक और वहां होने वाले निर्णय आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकते हैं।

बैठक के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि, वह बिहार चुनाव में केंद्र में खुद को रख रही है और कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भरना चाहती है। इस बैठक में विशेष ध्यान तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी पर भी है। दिसंबर 2023 में रेवंत रेड्डी ने तत्कालीन CM केसीआर पर हमला करते हुए कहा था कि उनका डीएनए, तेलंगाना का है, जबकि केसीआर का डीएनए बिहार से जुड़ा है। उन्होंने दावा किया था कि केसीआर की जाति कुरमी है, जिसकी जड़ें बिहार में हैं। यह बयान बिहारियों के बीच विवादित और अपमानजनक माना गया था।

CWC की यह बैठक कांग्रेस के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकती है। बैठक में बिहार में चुनावी समीकरण, गठबंधन और रणनीतिक फैसले लिए जाएंगे। इस बैठक के नतीजे बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में सत्ता समीकरण और चुनावी रुख तय करेंगे।

बैठक का महत्व
बिहार में कांग्रेस की चुनावी रणनीति तय करना।

राज्य में पार्टी की स्थिति मजबूत करना।

वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में कार्यकर्ताओं में जोश और संगठनात्मक ताकत बढ़ाना।

मुख्यमंत्री फेस और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसलों पर चर्चा करना।

Exit mobile version