देहरादून में बादल फटने से तबाही,10 लोगों की मौत
देहरादून में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मची। तेज बारिश और अचानक बढ़े जलस्तर ने शहर और आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया। आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने देहरादून, चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में 21 सितंबर तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
बारिश और भू-स्खलन के कारण पुलों और सड़कों के टूटने से एक हजार से ज्यादा लोग अलग-अलग स्थानों पर फंस गए थे। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दलों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर इन्हें सुरक्षित निकाला। इनमें सिंघनीवाला, मसंदावाला, ठाकुरपुर, सहस्रधारा रोड, मसूरी के होटल, रायपुर, डालनवाला, सेरकी और पौंधा स्थित देवभूमि इंस्टीट्यूट जैसे इलाके शामिल हैं। अकेले पौंधा के इंस्टीट्यूट में करीब 500 लोग फंसे थे।
भारी बारिश के चलते देहरादून-पांवटा राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया, क्योंकि टोंस नदी पर बना पुल बह गया। वहीं, मसूरी-देहरादून मार्ग भी जगह-जगह अवरुद्ध होने से कई वाहन फंस गए। पुलिस लगातार घोषणाएं कर लोगों से इन मार्गों पर यात्रा न करने की अपील कर रही है।
फुलेट गांव में एक मकान गिर जाने से आठ मजदूर मलबे में दब गए। स्थानीय लोगों ने दो मजदूरों को बाहर निकाल लिया, लेकिन ऊंचाई पर बसे इस गांव तक राहत टीमों को पहुंचने में कठिनाई हो रही है। दूसरी ओर, ठाकुरपुर में जलस्तर बढ़ने पर कई लोगों ने जान बचाने के लिए बिजली के खंभों और ऊंची जगहों पर शरण ली।
बारिश से प्रेमनगर में नंदा की चौकी पुल का हिस्सा ढह गया, जिससे प्रेमनगर का विकासनगर और सेलाकुई से संपर्क कट गया। देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर लालतप्पड़ पुल की एप्रोच रोड भी बह गई। जाखन नदी के उफान के कारण बड़े-बड़े पेड़ पुल के नीचे फंस गए, जिससे पानी ओवरफ्लो होकर पुल के ऊपर से गुजरने लगा और आसपास के कई घरों में पानी और कीचड़ घुस गया।
प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित इलाकों में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और टूटे रास्तों के कारण मुश्किलें बनी हुई हैं।

