150 गज’ को लेकर बॉर्डर पर भारत-बांग्लादेश के बीच टकराव
भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। इस बीच दोनों देशों के 4096 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर तैनात BSF और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के DG की मीटिंग अगले महीने फरवरी में होना तय माना जा रहा है। यह 17-20 फरवरी को CGO कांप्लेक्स स्थित BSF हेडक्वॉर्टर में होगी।
मंगलवार (29 जनवरी, 2025) को बांग्लादेश के होम एडवाइजर मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने बड़े सख्त लहजे में कहा कि अब भारत अलग तेवर देखेगा और अगले महीने नई दिल्ली में होने जा रही बैठक में ही सीमा पर बात होगी। दोनों देशों के बीच करीब 5 हजार किलोमीटर लंबी सीमा को भारत बाड़ से कवर कर रहा है, जिससे बांग्लादेश को आपत्ति है।
बांग्लादेश ने 1975 के समझौते का हवाला देते हुए कहा है कि 150 गज जमीन में पड़ोसी देश कोई रक्षा ढांचा नहीं बना सकता है. हालांकि, भारत इसको रक्षा ढांचा (Defence Structure) नहीं मानता है। उसका तर्क है कि सीमा पार से घुसपैठ, आपराधिक गतिविधियों और मवेशियों को रोकने के मकसद से बाड़ लगाई जा रही है।
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) पूर्व एडिशनल डीजी एस के सूद ने बताया कि भारत तारों की बाड़ लगाने को डिफेंस स्ट्र्चर के तौर पर नहीं देखता है, लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान ऐसा मानते हैं। साल की शुरुआत में इस मसले पर भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद नूरुल इस्लाम को तलब भी किया था।
सीमापार मसलों की विशेषज्ञ और ओ. पी जिंदल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. श्रीधरा दत्ता ने बताया कि 1971 में हुए विभाजन के कारण भारत और बांग्लादेश की सीमा काफी पेचीदा रही है। सीमा कई गांवों से होकर गुकर गुजरती है। कई घरों का एक दरवाजा भारत में खुलता है तो दूसरा बांग्लादेश में। कहीं फुटबॉल कोर्ट का एक गोल पोस्ट भारत में है तो दूसरा बांग्लादेश में है। पश्चिम बंगाल के साथ लगने वाले 2,217 किमी बॉर्डर पर कई गांव फेंसिंग लाइन के अंदर आते हैं।
1975 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार सीमा के इर्द-गिर्द 150 गज जमीन पर दोनों देशों में से कोई भी डिफेंस स्ट्रक्चर नहीं बना सकता है। बांग्लादेश वायर फेंसिंग को रक्षा ढांचे के तौर पर देखता है और उसका कहना है कि इस तरह भारत उसके क्षेत्र पर निगरानी रख सकेगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा है, जो त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय और मिजोरम से होकर गुजरती है। भारत का कहना है कि इन इलाकों में बांग्लादेश की तरफ से घुसपैठ होती है, जिसे रोकने के लिए बाड़ लगाई जा रही है।
सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा कि बाड़ 150 गज जमीन के भीतर यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद गांवों के लिए की गई है। अनुमान है कि 60 पर्सेंट सीमा पार अपराध वहां पर होते हैं, जहां बाड़ नहीं है या जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गांव होते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश यह बात मानने के लिए तैयार नहीं है, जिसकी वजह से यह मुद्दा बन गया है।