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ईसाई समुदाय की अपील, असम में सेकुलरिज्म के लिए मतदान करें

भारत के एक ईसाई समूह ने असम राज्य में होने वाले विधानसभा के चुनाव में लोगों से सत्तारूढ़ हिंदुत्ववादी पार्टी को अस्वीकार करके अप्रत्यक्ष रूप से सेकुलरिज्म के लिए वोट करने का आग्रह किया है।

बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य असम में क्रिश्चियन फोरम ने अपने बयान में किसी भी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया है, लेकिन कहा कि धर्मनिरपेक्ष सरकार को चुनना हमारी ज़िम्मेदारी है ताकि हमको “धार्मिक स्वतंत्रता” मिल सके।

साथ ही फोरम ने कहा कि हिंदुत्ववादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो राज्य और केंद्र सरकार चला रही है ये सरकार हिंदू राष्ट्रवाद की नीति को बढ़ावा दे रही है हम उनकी इस नीति की आलोचना करते हैं क्योंकि इस सरकार का उद्देश्य भारत को केवल हिंदू राष्ट्र बनाना है।

बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले आठ राजनीतिक दलों के गठबंधन को भाजपा हराकर असम में दूसरा कार्यकाल तलाश रही है।

यूसीए न्यूज़ के अनुसार क्रिश्चियन फोरम ने कहा कि राज्य में धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए; और पूजा और पूजा स्थल, धार्मिक प्रथाओं और अल्पसंख्यको का सम्मान किया जाना चाहिए। मुसलमानों और ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को शासन और प्रशासन के सभी स्तरों पर प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

ग़ौरतलब है कि क्रिश्चियन फोरम ने अपने बयान में नागरिकता संशोधन अधिनियम का जिक्र करते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों का शिकार खत्म करने के लिए भी कहा जिसमें मुसलमानों के साथ भेदभाव करने का आरोप है।

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