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अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा, बेतुका और हास्यास्पद: भारत

अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा, बेतुका और हास्यास्पद: भारत

बीजिंग: चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर दावा किया है। चीन ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश का निर्माण 1987 में चीन की ज़मीन पर कब्जा करके अवैध रूप से किया गया। चीन ने इस महीने चौथी बार ये दावा किया। भारत ने बीजिंग के दावे को ”बेतुका” और ”हास्यास्पद” बताकर खारिज कर दिया है।

सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को दोहराया। हालांकि, भारत ने बीजिंग के दावे को ‘‘बेतुका’’ और ‘‘हास्यास्पद’’ बताकर खारिज कर दिया है।

जयशंकर ने सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (आईएसएएस) में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है और उसी ने इसे आगे बढ़ाया है। ये दावे शुरू में भी बेतुके थे और आज भी ये बेतुके ही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम इस पर बेहद स्पष्ट रहे हैं और हमारा एक समान रुख रहा है।

चीन के सरकारी मीडिया ने विदेश मामलों के प्रवक्ता ली जियां से जयशंकर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया मांगी। इस पर लिन ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का कभी निपटारा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘चीन-भारत सीमा का कभी सीमांकन नहीं किया गया है और इसे पूर्वी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र और सिक्किम खंड में विभाजित किया गया है।

लिन ने कहा, ‘भारत ने 1987 में अवैध कब्जे वाले चीन के इलाके पर तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ का गठन किया। चीन ने तभी एक बयान जारी कर इसका कड़ा विरोध किया था और जोर देकर कहा था कि भारत का कदम अवैध और अमान्य है। चीन का रुख आज भी वही है। इस महीने यह चौथी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने हक की बात की है। बीजिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश गए थे, तब भी चीन ने राजनियक स्तर पर विरोध दर्ज कराया था।

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