भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को एक महीने से ज़्यादा हो गया है कई बार किसानो और सरकार के बातचीत का दौर हुआ लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है सरकार कृषि क़ानूनों (Farm Laws) को ख़त्म न करने पर तुली हुई है
किसानो के विरोध प्रदर्शन से उनके परिवारों और सिख समुदाय पर पड़ने वाले असर के बारे में समूचे ब्रिटेन में बच्चे जागरूकता बढ़ाने में जुटे हैं.
आपको बता दें कि बीते एक महीने से अधिक समय से पंजाब और हरियाणा के हज़ारों किसान भारत में तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.
किसानों का दावा है कि ये तीन नए क़ानून बिना किसी परामर्श के लाए गए हैं और उन्हें इससे आजिविका के खोने और फ़सल की कीमतों की गारंटी खोने का डर है.
लेकिन केंद्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी जोर देकर कह रही है कि खेती से आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए यह सुधार ज़रूरी है.
किसान और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत विफल हो चुकी हैं और इस दौरान लंदन, लेस्टर और बर्मिंघम समेत ब्रिटेन में इसे लेकर प्रदर्शन तेज़ हुए हैं.