छत्रपति शिवाजी महाराज ने वास्तव में सूरत को लूटा था: नारायण राणे
मुंबई: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि, मराठा सम्राट शिवाजी महाराज ने वास्तव में सूरत को लूटा था। यह बयान उन्होंने मुंबई स्थित बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया। राणे ने कहा, “मैं कोई इतिहासकार नहीं हूं, लेकिन जो कुछ भी मैंने पढ़ा और सुना है, वह प्रसिद्ध इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे से ही सीखा है।” उन्होंने जोर देकर कहा, “शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा था।”
राणे का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक दिन पहले ही कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को लूटा नहीं था। फडणवीस ने आरोप लगाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपनी किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में शिवाजी महाराज को एक योद्धा राजा के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया, जिन्होंने सूरत को लूटा था। फडणवीस के अनुसार, यह एक झूठा और गलत विवरण है जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर प्रचारित किया।
फडणवीस ने कहा था, “आजादी के बाद कांग्रेस ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और शिवाजी महाराज को सूरत लूटने वाला दिखाया, जबकि असल में शिवाजी महाराज ने ‘सुराज्य’ के लिए उचित लोगों से खजाना हासिल किया और राष्ट्र की भलाई के लिए उनका इस्तेमाल किया।” यह विवाद उस समय और गहरा गया जब सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिर गई। इस घटना के बाद सत्ताधारी और विपक्षी दल एक-दूसरे पर इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाने लगे हैं।
राणे ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, “विपक्ष चुनावी लाभ के लिए शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना पर राजनीति कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को आकर शांति की अपील करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह स्पष्ट है कि विपक्ष इस घटना का इस्तेमाल राज्य में अशांति फैलाने के लिए कर रहा है।”
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए राणे ने कहा, “उद्धव ठाकरे को ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं है। वह न तो भारत के राष्ट्रपति हैं और न ही प्रधानमंत्री। अगर मैं मुख्यमंत्री होता, तो ठाकरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता।”
मालवण में शिवसेना (यूबीटी) और राणे के समर्थकों के बीच हुई झड़पों को लेकर राणे ने कहा, “पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि राजनीतिक दलों को एक के बाद एक स्थान का दौरा करने की अनुमति दी जाए। इससे टकराव की संभावना कम हो जाती।” उन्होंने दावा किया कि कोई हिंसा या झड़पें नहीं हुईं।
अपने बेटे, विधायक नितेश राणे, के खिलाफ पुणे और अहमदनगर की रैलियों में सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिए दर्ज एफआईआर पर राणे सीनियर ने कहा, “मैंने नितेश से बात की और उसे समझाया कि पूरे समुदाय को शामिल करने के बजाय, यदि कोई समस्या है तो उसे व्यक्तिगत स्तर पर ही सुलझाया जाए।”