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लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं चंद्रबाबू नायडू

लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में घर वापसी कर सकते हैं चंद्रबाबू नायडू

आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं। यहां राजनीतिक दल फिर नए सिरे से संगठित हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत में अपने पांव पसारने में जुटी है। इसको लेकर पार्टी आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ गठबंधन करसकती है। फिलहाल दोनों दलों में बातचीत जारी है। सूत्रों की मानें तो 20 फरवरी को दोनों दलों के नेताओं के बीच बैठक हो सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी ने आंध्र को विशेष दर्जा देने के मुद्दे पर पांच साल पहले एनडीए छोड़ दी थी। अब चुनावों से पहले वह ‘घर वापसी’ करने ही वाली है। बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व के निमंत्रण पर नायडू पिछले सप्ताह दिल्ली गए और दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को पुनर्जीवित करने पर उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बात की। इस बारे में औपचारिक घोषणा कुछ ही दिनों में होने वाली है।

अगर दोनों दलों के बीच बात बन जाती है तो बीजेपी राज्य में 4 से 5 लोकसभा सीटों और 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं, टीडीपी के साथ पहले से गठबंधन में शामिव पवन कल्याण की पार्टी जनसेना चुनाव में 2 से 3 लोकसभा और 22 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतार सकती है। बाकी सीटों पर टीडीपी चुनाव लड़ेगी।

यह चुनावी गठजोड़ दोनों ही पार्टियों के लिए बेहतर होने के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी दक्षिण में अपना आधार बढ़ाना चाहती है जिसके लिए वह क्षेत्रीय दलों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। अपने बूते यह राज्य में कुछ भी हासिल नहीं कर सकती। सभी चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों ने संकेत दिया है कि टीडीपी की वापसी हो सकती है, जबकि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बहुत ही कठिन एंटी इन्कम्बेंसी से जूझ रही है।

टीडीपी में यह समझ बढ़ रही है कि संयुक्त विपक्ष के जरिये ही जगन को सत्ता से हटाया जा सकता है। टीडीपी के लोगों का मानना है कि भले ही बीजेपी छोटी-मोटी खिलाड़ी हो, अगर वह केन्द्र में फिर सत्ता में आती है, तो एनडीए में रहने पर भविष्य में टीडीपी को फायदा हो सकता है।

गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया जाता है, तो टीडीपी, बीजेपी और एक्टर से राजनीतिज्ञ बने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेगी। बीजेपी और जन सेना पार्टी के बीच पहले से ही गठबंधन है। टीडीपी सूत्रों के अनुसार, ‘यह निश्चित है कि टीडीपी गठबंधन में शामिल होगी। सीटों पर बातचीत भी जल्द ही होगी।’ वैसे, टीडीपी नेताओं के एक वर्ग को आशंका है कि बीजेपी के साथ गठबंधन से अल्पसंख्यक उससे अलग हो सकते हैं। आंध्र में उनकी अच्छी-खासी संख्या है।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नायडू ने अमित शाह को उन परिस्थितियों के बारे में बताया, जिसके कारण उन्हें 2019 चुनाव से पहले एनडीए से अलग होना पड़ा था। बता दें कि इससे पहले भी दो बार टीडीपी और बीजेपी मिलकर आंध्र प्रदेश में चुनाव लड़ चुकी हैं। पहली बार दोनों दलों ने वाजपेयी युग में साथ चुनाव लड़ा था। उसके बाद 2014 में दोनों दल मिलकर इलेक्शन में उतरे थे।

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