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केंद्र की 240 करोड़ रुपये की अमृत जल योजना महाराष्ट्र में बर्बाद हो गई: हंसराज

केंद्र की 240 करोड़ रुपये की अमृत जल योजना महाराष्ट्र में बर्बाद हो गई: हंसराज 

केंद्र सरकार की 240 करोड़ की अमृत जल योजना नगर निगम और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना और अनियोजित प्रबंधन के कारण नष्ट हो गई है। पीने का पानी नहीं है। प्रोजेक्ट पूरा न होने के बावजूद ठेकेदार को पूरा बिल दिया गया है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने संबंधित दोषी कंपनी और संतोष कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक को ब्लैकलिस्ट करने की मांग कर सनसनी फैला दी है। इस परियोजना के ठेकेदार संतोष मेरकोटे भाजपा के परभणी ग्रामीण जिला अध्यक्ष हैं। अमृत ​​जल जलापूर्ति योजना को 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन शहर के लोग इस योजना के लाभ से वंचित हैं।

इस संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने यहां आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दोषी निर्माण कंपनी और उसके मालिक को पूरे महाराष्ट्र में ब्लैकलिस्ट करने का सुझाव देने का निर्देश दिया। इस संबंध में भाजपा कार्यकर्ता खुशाल बोंडे और विनोद शेरकी की ओर से शिकायत मिली थी।

इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए हंसराज अहीर ने सरकारी रेस्ट हाउस में नगर निगम और जीवन प्राधिकरण अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई। हंसराज अहीर ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है कि इस परियोजना पर 240 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा है क्योंकि इस परियोजना के लिए काम कर रही संतोष कंस्ट्रक्शन कंपनी ने काम में बड़ी गड़बड़ी की है और वह काम पूरा किए बिना ही भाग गई है।

उन्होंने कहा कि काम की प्रगति और गुणवत्ता की जांच किए बिना, तत्कालीन नगर आयुक्त ने महाराष्ट्र जीवन पारधी करण (एमजेपी) की सिफारिश पर अधूरे काम और प्रोजेक्ट पूरा न होने पर भी ठेकेदार को एडवांस पैसे दे दिए। इसलिए उक्त ठेकेदार को तत्काल काली सूची में डालने की कार्रवाई की जाए। हंसराज अहीर ने यह भी कहा कि परियोजना पर एक सार्वजनिक सुनवाई अगले महीने होगी।

पहले इस प्रोजेक्ट को 2019 तक पूरा किया जाना था, लेकिन सरकार द्वारा कॉन्ट्रैक्ट 2 साल बढ़ाए जाने के कारण अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में माना कि इस प्रोजेक्ट को 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन काम समय पर पूरा नहीं हो सका।

हंसराज अहीर ने अधिकारियों पर कंपनी के साथ परोक्ष रूप से सहयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रोजेक्ट से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए निर्देश दिया कि उक्त कंपनी को तुरंत बुलाकर काम पूरा करने का निर्देश दिया जाये, अन्यथा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी जायेगी, और अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जायेगा।

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