“इंडिया गठबंधन” नाम पर रोक नहीं लगा सकते: चुनाव आयोग
गिरीश भारद्वाज नाम के एक व्यवसायी द्वारा विपक्षी गठबंधन का नाम “इंडिया गठबंधन” रखने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि उसका गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत संसद, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों के संचालन के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिए किया गया है।
चुनाव आयोग ने यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दाखिल किया है जिसमें चुनाव आयोग से विपक्षी इंडिया गठबंधन को इंडिया नाम का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की गई थी।
आयोग ने कहा कि उसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29ए के तहत व्यक्तियों के संघों या निकायों को राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकृत करने का अधिकार प्राप्त है, राजनीतिक गठबंधनों को अधिनियम या संविधान के तहत विनियमित संस्थाओं के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।
चुनाव आयोग ने यह हलफनामा गिरीश भारद्वाज नाम के एक व्यवसायी द्वारा दायर जनहित याचिका के जवाब में दिया है। अपनी याचिका में, भारद्वाज ने तर्क दिया था कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतीक का एक अनिवार्य हिस्सा, इंडिया के नाम और प्रतीक का इस्तेमाल अनुचित उपयोग की रोकथाम अधिनियम, 1950 का उल्लंघन है।
उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि इससे 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से अनुचित हिंसा हो सकती है और देश की कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
बता दें कि इंडिया गठबंधन 18 जुलाई 2023 को विपक्षी दलों ने बनाया था। इसमें करीब दो दर्जन विपक्षी दल शामिल है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को 26 राजनैतिक दलों को अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने और इसका उपयोग करने से रोक की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि उसके इस हलफनामे को विपक्षी गठबंधन द्वारा संक्षिप्त नाम ‘INDIA’ के उपयोग की वैधता पर मोहर के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। इसने कहा कि इसकी भूमिका राजनीतिक दलों के पंजीकरण तक ही सीमित है और राजनीतिक गठजोड़ को रेग्युलेट करने तक इसका विस्तार नहीं है।