नीट-पीजी को रद्द करने से हजारों डॉक्टर ‘‘गहरी निराशा’’ में फंस गए : स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET-PG) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) को रद्द करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे भारतीय शिक्षा प्रणाली की अक्षम प्रक्रियाओं के ताबूत में ‘आखिरी कील’ करार दिया है। स्टालिन ने इस कदम को देश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए केंद्र सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
स्टालिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “NEET-PG और UGC-NET को रद्द करने का निर्णय देश की शिक्षा व्यवस्था को और भी कमजोर करेगा। यह कदम उन छात्रों की मेहनत और समर्पण के प्रति असम्मान है जिन्होंने इन परीक्षाओं की तैयारी में वर्षों लगाए हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह निर्णय छात्रों में असुरक्षा की भावना पैदा करेगा और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
स्टालिन की पार्टी द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) सामाजिक न्याय के अलावा अन्य आधारों पर राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) का विरोध करती रही है। उन्होंने स्कूली शिक्षा को करियर का आधार बनाने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीट-पीजी को रद्द करने से हजारों डॉक्टर ‘‘गहरी निराशा’’ में फंस गए हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वे इस फैसले को तुरंत वापस लें और छात्रों के हित में उचित निर्णय लें। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले केवल शिक्षा प्रणाली में अव्यवस्था फैलाने का काम करेंगे और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे। स्टालिन ने इस मामले पर तमिलनाडु सरकार के मजबूत रुख को दोहराया और कहा कि वे छात्रों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
छात्रों और अभिभावकों में इस निर्णय को लेकर गहरा रोष है। वे मानते हैं कि यह निर्णय छात्रों के करियर के लिए अत्यंत हानिकारक है और इससे उनके सपनों को गहरा धक्का लगेगा। कई छात्रों ने इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए हैं और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की है।
शिक्षाविदों ने भी इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि NEET-PG और UGC-NET जैसी परीक्षाएं छात्रों की योग्यता और कौशल का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। इन्हें रद्द करना छात्रों के लिए निराशाजनक है और शिक्षा के क्षेत्र में अव्यवस्था फैलाने का काम करेगा।
कुल मिलाकर, NEET-PG और UGC-NET को रद्द करने के निर्णय ने एक व्यापक बहस को जन्म दिया है। केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षाविदों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार करेगी और एक संतुलित और न्यायसंगत समाधान निकालेगी।