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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारतें

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण ताश के पत्तों की तरह ढह गई इमारतें

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण संवेदनशील पहाड़ी राज्य में भूस्खलन, बादल फटने और अचानक बाढ़ के साथ व्यापक तबाही हुई है. राज्य सरकार ने पहले पूरे राज्य को “प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र” घोषित किया था और नुकसान का आकलन करने और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए काम कर रही है.

इस मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण कुल 709 सड़कें बंद हो गई हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार का अनुमान है कि 24 जून, जब राज्य में मानसून आया था, तब से जारी बारिश के कहर से सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को कुल 8,014.61 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भीषण भूस्खलन से कई घर ढहे गए हैं. पहाड़ी इलाके में हुए भीषण भूस्खलन में ढही इमारत और मकानों के मलबे में काफी लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज से अगले दो दिनों तक हिमाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है.

राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे निवासियों को मौसम की गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. जिले में भारी बारिश के बाद क्षतिग्रस्त कुल्लू-मंडी राजमार्ग पर आज सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कुल्लू की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साक्षी वर्मा ने कहा, “कुल्लू और मंडी को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है. पंडोह के रास्ते एक वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है. इसलिए, यातायात की आवाजाही फिलहाल निलंबित है.

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, बारिश के कारण 2,022 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 9,615 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राज्य में 113 भूस्खलन की भी सूचना मिली है, जिससे बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. एक सरकारी बुलेटिन में कहा गया है कि बारिश ने 224 लोगों की जान ले ली है, जबकि 117 अन्य लोग बारिश से संबंधित दुर्घटनाओं में मारे गए हैं.

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