ISCPress

‘फर्जी वोटिंग’ होने तक बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव: मायावती

‘फर्जी वोटिंग’ होने तक बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख एवं उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य की नौ सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिलने के एक दिन बाद रविवार को चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और कहा कि अब उनकी पार्टी कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पहले बैलेट से फर्जी मतदान होते थे अब यह ईवीएम से भी होने लगा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि सिर्फ उपचुनाव ही नहीं लड़ेगे। बाकी चुनाव में भाग लेंगी।

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अब यूपी में उपचुनाव होने भी नहीं हैं। हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर कोर्ट का फैसला होने के बाद उपचुनाव हो सकते हैं।

बीएसपी प्रमुख कुमारी मायावती ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा , ‘‘ हमारी पार्टी ने यह फैसला किया है कि जब तक देश में फर्जी वोट डालने से रोकने के लिए देश के चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाये जाते तब तक हमारी पार्टी देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जबकि आम चुनाव में इस मामले में थोड़ा बचाव जरूर हो जाता है। क्योंकि सरकारी मशीनरी सत्‍ता परिवर्तन के डर से घबराती हैं।’’

बसपा जो कि एक वक्त पर यूपी में सबसे मजबूत वोट बैंक वाली पार्टी मानी जाती थी, उसका वोटबैंक पूरी तरह से बिखरा हुआ दिख रहा है। 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में कुंदरकी में 1036, मीरापुर में 3248, करहल में 8409 और सीसामऊ में महज 1500 वोट ही पार्टी प्रत्याशियों को मिले। फूलपुर में पार्टी प्रत्याशी ने काउंटिंग के दौरान गंभीर आरोप लगाए थे।

बता दें कि, उत्तर प्रदेश में खोई राजनीतिक जमीन पाने के मकसद से उपचुनावों में उतरी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लिए उपचुनाव एक और बुरा सपना ही साबित हुआ। बड़े नेताओं के प्रचार से दूरी और जमीन पर मतदाताओं से दूरी का असर यह रहा कि पार्टी के उम्मीदवार एक-एक वोट को तरसते दिखे।

एक वक्त तक प्रदेश की सियासत में सबसे मजबूत वोट बैंक वाली पार्टी रही बसपा, मीरापुर और कुंदरकी में असदुद्दीन ओवैसी की और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से भी पिछड़कर पांचवें नंबर पर रही। पार्टी किसी भी सीट पर अपनी ताकत नहीं दिखा सकी और न ही लोकसभा चुनावों में छिटके उसके कोर वोटर ही वापस आए। हालात यह हो गया कि पार्टी सुप्रीमो मायावती ने नतीजे पर मंथन के बाद अब कभी भी उपचुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है।

Exit mobile version