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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘लोकतंत्र’ को बरकरार रखने वाली: खड़गे

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘लोकतंत्र’ को बरकरार रखने वाली: खड़गे

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार चुनाव होने की मांग की। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘जम्हूरियत’ (लोकतंत्र) को बरकरार रखने वाली है। उन्होंने कहा है कि घाटी में युवाओं की नौकरी का दर कम है। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद की कथित बढ़ती घटनाओं को लेकर भी कहा है।

एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मोदी सरकार ने दावा किया था कि इस कदम से (अनुच्छेद 370 हटाने) जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से एकीकृत करने, क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आतंकवाद और अलगाववाद को रोकने में मदद मिलेगी। हालांकि, हकीकत बिल्कुल अलग है।

खड़गे ने आगे कहा, “2019 के बाद से 683 घातक आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 258 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 170 नागरिकों की जान चली गई। विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरे कार्यकाल की शपथ के बाद से जम्मू क्षेत्र में 25 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें 15 सैनिकों की जान चली गई और 27 घायल हो गए।” उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं काफी बढ़ गई हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के तीसरी बार शपथ लेने के बाद से जम्मू क्षेत्र में 25 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 15 जवान शहीद हुए हैं और 27 घायल हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं आम बात हो गई है। जम्मू और कश्मीर में सरकारी विभागों के 65% पद 2019 से खाली पड़े हैं। जम्मू और कश्मीर में बेरोजगारी दर 10% है, जिसमें युवा बेरोजगारी दर 18.3% है। 2021 में नई औद्योगिक नीति की शुरुआत के बावजूद, केवल 3% निवेश ही जमीन पर आ पाए हैं। प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत 40% परियोजनाएँ लंबित हैं।

जम्मू और कश्मीर की शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद (NSDP) वृद्धि दर 13.28% (अप्रैल 2015-मार्च 2019) से घटकर 2019 के बाद 8.73% हो गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में निष्प्रभावी बना दिया था। इसके साथ ही सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से दो केंद्र-शासित प्रदेश-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लोग सामान्य स्थिति के लिए तरस रहे हैं, यह भावना उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान श्री राहुल गांधी को बताई। हम मांग करते हैं कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार हों ताकि लोग अपने प्रतिनिधि चुन सकें, संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित कर सकें और ‘नौकरशाही द्वारा शासित’ होने की इस व्यवस्था पर पूर्ण विराम लगा सकें। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन क्षेत्रों के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है, जो भारत का अभिन्न अंग हैं।

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