बीजेपी नेहरू और कांग्रेस को सावरकर की आलोचना बंद करे: उद्धव
कांग्रेस को सावरकर पर और बीजेपी को नेहरू पर आलोचना करनी बंद करनी चाहिए। यह कहना है शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे का, जो नागपुर में चल रहे महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को विधान भवन पहुंचे। उन्होंने विधान परिषद की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इसके बाद शिवसेना (उद्धव) के कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
बीजेपी सरकार सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दे रही?
इस दौरान उन्होंने कहा, “अक्सर लोग नेहरू या फिर सावरकर के बारे में सवाल पूछते रहते हैं, लेकिन मेरी राय है कि अब कांग्रेस को सावरकर पर और बीजेपी को नेहरू पर आलोचना बंद कर देनी चाहिए। अब इनके नाम पर राजनीति बंद कर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।” उद्धव ठाकरे ने कहा, “इन हस्तियों ने अपने समय में जो उचित समझा, वह किया। अब हमें देखना चाहिए कि हम अपने समय में क्या कर रहे हैं।”
उद्धव ने सवाल किया, “केंद्र में इस समय बीजेपी की सरकार है, फिर वे सावरकर को भारत रत्न पुरस्कार क्यों नहीं दे रहे हैं?”
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर उठाए सवाल
उद्धव ठाकरे ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर कहा कि यह देश के कई महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया एक शिगूफा है। उन्होंने कहा कि पहले चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाई जाए। जैसे विधायकों और सांसदों का चुनाव होता है, वैसे ही चुनाव आयुक्त का भी चुनाव होना चाहिए, और इसके बाद ही एक साथ चुनाव की बात की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर उद्धव ने कहा, “यह नियम सिर्फ अन्य मंत्रियों के लिए है या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के लिए भी? इसकी भी स्पष्टता होनी चाहिए। क्योंकि जिन विधायकों के बलबूते पर आप मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने हैं, जब उनकी कार्यक्षमता का आकलन किया जा रहा है, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों का भी आकलन होना चाहिए।”
‘लाड़ली बहन योजना’ पर सरकार को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ‘लाड़ली बहन योजना’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “चुनाव के समय लाड़ली बहनों को मासिक सहायता देने का वादा किया गया था, लेकिन इसे आदर्श आचार संहिता के बहाने बंद कर दिया गया। अब फडणवीस सरकार को बिना किसी भेदभाव और बिना अतिरिक्त शर्तें लागू किए वादे के अनुसार ₹1500 की जगह ₹2100 मासिक सहायता देना शुरू करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कहा जाता है कि ‘लाड़ली बहन’ योजना की वजह से महायुति को भारी वोट मिले हैं। अगर यह सच है तो सरकार को बिना किसी बहन को वंचित किए ₹2100 मासिक सहायता तुरंत देनी चाहिए।”
‘बैलेट पेपर’ से चुनाव कराने की मांग
उद्धव ठाकरे ने कहा, “अगर सरकार को अपने कामों पर विश्वास है, तो वे बैलेट पेपर पर चुनाव कराने से क्यों डरती है? उन्हें एक बार बैलेट पेपर पर चुनाव करवाकर जनता के संदेह दूर करने चाहिए। उन्होंने कहा, “यह जनता द्वारा चुनी गई नहीं बल्कि ईवीएम के जरिए आई हुई सरकार है। यही वजह है कि आश्चर्यजनक जीत के बावजूद कहीं जश्न नहीं दिखा, लेकिन परिणामों के खिलाफ जनता में आपत्ति जरूर दर्ज की गई।”
उद्धव ठाकरे ने मार्कड़वाड़ी में जनता को बैलेट पेपर पर वोट देने से रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “जब सरकार ने कुछ गड़बड़ी नहीं की है, तो वह इतनी डरी हुई क्यों है? उसे जनता के बैलेट पेपर पर वोट देकर अपने वोटों की पुष्टि कराने से क्या समस्या थी?”