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बीजेपी हाईकमान ने यूपी के नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी

बीजेपी हाईकमान ने यूपी के नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी

उत्तर प्रदेश: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाईकमान ने उत्तर प्रदेश के नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यह कदम तब उठाया है जब पार्टी के कुछ नेता सार्वजनिक रूप से विवादित बयान दे रहे थे, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता था।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई है। उन्होंने यूपी के नेताओं को हिदायत दी है कि वे पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के अनुरूप ही बयान दें और अनावश्यक विवादों से बचें।

पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अनावश्यक बयानबाजी से न केवल पार्टी की छवि धूमिल होती है, बल्कि इससे चुनावी समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं। बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने स्पष्ट किया है कि पार्टी का फोकस विकास कार्यों पर होना चाहिए और नेताओं को इसी मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनता की भलाई और उनके हितों को प्राथमिकता देते हुए काम करना ही पार्टी का मुख्य उद्देश्य है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दिए हैं कि वे पार्टी की अनुशासनहीनता को न सहें और संयमित भाषा का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के माध्यम से ही जनता का विश्वास जीता जा सकता है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी एक अनुशासित संगठन है और सभी को इस अनुशासन का पालन करना होगा।

विपक्षी दलों ने बीजेपी नेताओं की बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि पार्टी अपने नेताओं को नियंत्रित नहीं कर पा रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेताओं के विवादित बयान से समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

हालांकि, बीजेपी नेताओं का मानना है कि विपक्षी दल जानबूझकर इस तरह के मुद्दों को तूल दे रहे हैं ताकि जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि पार्टी का ध्यान विकास कार्यों और जनकल्याणकारी योजनाओं पर है और वे इसे ही अपनी प्राथमिकता बनाए रखेंगे। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि बीजेपी नेतृत्व अपने नेताओं को अनुशासन में रखने और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बता दें कि इस समय उत्तर प्रदेश बीजेपी में अंतर्कलह की चर्चाएं ज़ोरों पर हैं। इन चर्चाओं को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी और सहयोगी पार्टी के नेता संजय निषाद के बयानों से और बल मिला है। इन घटनाओं के बीच केशव प्रसाद मौर्य का अचानक दिल्ली जाकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात करना भी चर्चा का विषय बन गया है। फ़िलहाल भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार की गुटबाज़ी से इंकार कर रही है।

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