टैरिफ़ विवाद के बीच पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति की द्विपक्षीय बैठक शुरु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (30 अगस्त) शाम चीन के तियानजिन पहुंचे। वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल और बदलते गठबंधनों के बीच यह उनकी सात साल बाद की पहली चीन यात्रा है। PM मोदी का यह दौरा उस समय हो रहा है जब दोनों देशों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने और चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा बहाल करने जैसे कदम उठाकर संबंधों को सामान्य करने की कोशिशें तेज की हैं।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह अगले दो दिनों में होने वाली उनकी कई मुलाकातों में से सबसे अहम मानी जा रही है। लगभग पाँच साल से चले आ रहे सीमा पर सैन्य गतिरोध के बीच यह बातचीत रिश्तों में आई हालिया प्रगति को और मज़बूत करने का अवसर होगी। सूत्रों का कहना है कि मोदी इस बैठक में दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से रिश्तों को आगे बढ़ाने का संदेश देंगे।
अमेरिकी पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रिक सांचेज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “यह सब पीएम मोदी की वजह से हुआ है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस आर्थिक साझेदारी को शुरू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्धता तभी दिखाई जब उन्हें और भारतीय सरकार को इतना नजरअंदाज महसूस कराया गया कि उन्होंने सोचना शुरू कर दिया कि अब इस रिश्ते को फिर से परिभाषित करने का समय आ गया है।
क्या यह पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की ओर से एक मैक्यावेलियन चाल है, जिसके जरिए वे दुनिया को और खासकर डोनाल्ड ट्रंप को यह संदेश देना चाहते हैं कि आप इस गठबंधन को और बड़ा बना रहे हैं। सावधान रहिए कि किससे उलझ रहे हैं, क्योंकि जितना बड़ा आप हमें बनाएंगे, उतना ही छोटा खुद को कर लेंगे शायद। या फिर यह उससे भी आगे जाए और दोनों बैठकर यह तय करें कि अब समय आ गया है बड़े खिलाड़ी को चुनौती देने का? यह तो वक्त बताएगा कि इस मुलाकात से क्या निकलकर आता है।

