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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा 

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बंपर जीत के बाद राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ने लगी हैं। सोमवार को हुई बिहार कैबिनेट की अहम बैठक में विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी गई। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद यह तय हो गया कि 19 नवंबर को मौजूदा विधानसभा को आधिकारिक रूप से भंग कर दिया जाएगा। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद राज्यपाल को विधानसभा भंग करने की सिफारिश वाला पत्र भी सौंप दिया है।

बिहार चुनाव परिणामों में एनडीए को स्पष्ट और प्रचंड बहुमत मिलने के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। बहुमत मिलने के बाद जिन संवैधानिक औपचारिकताओं का पालन आवश्यक होता है, उन्हीं को पूरा करने के उद्देश्य से राज्य मंत्रिपरिषद की यह अंतिम बैठक बुलाई गई थी। बैठक बुलाई जाने की घोषणा होते ही पटना के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई थी।

सोमवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने आवास से मंत्री विजय चौधरी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ सचिवालय के लिए निकले। कैबिनेट की बैठक सचिवालय स्थित कैबिनेट हॉल में आयोजित की गई, जिसमें कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे। यह बैठक नीतीश कुमार सरकार के मौजूदा कार्यकाल की अंतिम बैठक थी, इसलिए इसमें एक धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस प्रस्ताव में मंत्रिपरिषद के कार्यकाल, उसके फैसलों और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सामूहिक रूप से आभार व्यक्त किया गया।

इसके साथ ही कैबिनेट ने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्यपाल से मुलाकात करने और सरकार गठन से संबंधित सभी आवश्यक संवैधानिक प्रक्रियाओं को पूरा करने का अधिकार प्रदान किया। यह निर्णय नई सरकार के गठन के मार्ग को औपचारिक रूप से प्रशस्त करता है। विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल द्वारा नई सरकार के गठन के लिए आमंत्रण देने की प्रक्रिया शुरू होगी। एनडीए के प्रचंड बहुमत के मद्देनज़र यह लगभग तय माना जा रहा है कि गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार ही दावेदार होंगे और अगले कुछ दिनों में औपचारिक रूप से नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।

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