बिहार विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण में सुबह 11 बजे तक 31.38% मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मतदान जारी है। सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा। इस चरण में 122 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, जिन पर 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के छह से अधिक मंत्री भी शामिल हैं। कुल 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता इस चरण में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें करीब 1.75 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, 45,399 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 40,073 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। हिसुआ (नवादा) सीट में सबसे अधिक 3.67 लाख मतदाता हैं, जबकि लौरिया, चनपटिया, रक्सौल, त्रिवेणीगंज, सुगौली और बनमखी सीटों पर प्रत्याशियों की संख्या सबसे ज्यादा 22-22 है। पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 65% से अधिक वोटिंग दर्ज की गई थी।
दूसरे चरण का मतदान मुख्य रूप से सीमांचल और तराई क्षेत्रों में हो रहा है, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे नेपाल सीमा से सटे जिले शामिल हैं। मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए चार लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
सुबह 11 बजे तक राज्य में औसतन 31.38 प्रतिशत मतदान हुआ। पश्चिम चंपारण में 32.39%, पूर्वी चंपारण में 31.16%, किशनगंज में 34.79%, गया में 34.07%, जमुई में 33.69% और पूर्णिया में 32.94% मतदान दर्ज किया गया। वहीं सीतामढ़ी, अररिया, सुपौल, कैमूर, बांका और औरंगाबाद जैसे जिलों में भी 30 से 33 प्रतिशत वोटिंग हुई। कई स्थानों पर ईवीएम खराब होने से मतदान में रुकावट आई। अररिया के जोगबनी मिडिल स्कूल, कोचगामा और बगुआ बूथों पर, तथा सीतामढ़ी के बूथ संख्या 293 पर तकनीकी खराबी के कारण वोटिंग में देरी हुई।
इस बीच, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि “SIR प्रक्रिया के बाद 69 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए, फिर पहले चरण में मतदान प्रतिशत कैसे बढ़ गया?” उन्होंने कहा कि बिहार बदलाव की ओर बढ़ रहा है और नई पीढ़ी परिवर्तन चाहती है। उन्होंने प्रधानमंत्री की चुनावी भाषा पर भी आपत्ति जताई, यह कहते हुए कि “प्रधानमंत्री को कट्टा, बम और डकैती जैसी भाषा का इस्तेमाल शोभा नहीं देता। बिहार की जनता अब असली मुद्दों पर जवाब देगी।”

