बिहार: मुस्लिम बहुल जिलों में 12% वोटर घटे, किशनगंज और पूर्णिया टॉप पर
बिहार में “विशेष समग्र पुनरीक्षण अभियान” के पहले चरण में जिन तीन जिलों में सबसे अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनमें दो जिले, किशनगंज और पूर्णिया मुस्लिम बहुल माने जाते हैं। तीसरा जिला गोपालगंज है। 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कई गलतियाँ सामने आने की बात कही जा रही हैं। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ़ से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उधर चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड होने का आरोप लगाते हुए उन्हें नोटिस भेजा है।
मुस्लिम बहुल जिलों में 12% से अधिक नाम हटा दिए गए
चुनावी सूची की समीक्षा के बाद गोपालगंज में सबसे अधिक – 15% वोटरों के नाम हटा दिए गए। पूर्णिया में 12.08% और किशनगंज में 11.82% नामों को हटाया गया। इसके बाद मधुबनी (10.44%) और भागलपुर (10.19%) का स्थान है। इनमें से दो जिले सीमांचल क्षेत्र के हैं, जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। 2001 की जनगणना के अनुसार, किशनगंज में मुस्लिम आबादी 68% और पूर्णिया में 38% है।
निर्वाचन आयोग की “सफलता” के दावों के बीच वोटर लिस्ट में भारी विसंगतियाँ चर्चा में हैं। दरभंगा जिले के एक बूथ पर मोहम्मद सना उल्लाह के माता-पिता की जगह उनकी पत्नी का नाम दर्ज है – वह भी ‘अरविंद कुमार’ नामक एक पुरुष के रूप में। वहीं, किसी की पत्नी ‘हसबैंड हसबैंड’, पिता का नाम ‘फादर फादर’, किसी की मां का नाम ‘इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया निर्मला देवी’ और किसी की अभिभावक का नाम ‘अन्य अन्य’ बताया गया है। ये विवरण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
तेजस्वी यादव को नोटिस
2 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। इसके जवाब में निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें नोटिस जारी कर बताया कि उनका नाम पोलिंग स्टेशन संख्या 204 पर सीरियल नंबर 416 में दर्ज है (EPIC नंबर: RAB0456228)। जबकि तेजस्वी ने जो EPIC नंबर दिखाया, वह आधिकारिक नहीं लगता।
आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि महागठबंधन ने निर्वाचन आयोग से कई सवाल पूछे थे और अब उससे ध्यान हटाने के लिए तेजस्वी को नोटिस भेजा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस पेज पर तेजस्वी का नाम है, उसमें कई अनियमितताएँ हैं। मंटो कुमार भी उसी घर में रहते हैं जहां तेजस्वी यादव रहते हैं।

