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राम मंदिर में भूमि पूजन ईंट पूजन हुआ था वह भी अशुभ घड़ी में: सतीश मिश्रा

राम मंदिर में भूमि पूजन ईंट पूजन हुआ था वह भी अशुभ घड़ी में: सतीश मिश्रा

उत्तर प्रदेश में कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव हैं और जैसे जैसे समय नज़दीक आ रहा है वैसे वैसे घमासान बढ़ता जा रहा है, अहम राजनीतिक पार्टियों में बयानबाज़ी जारी है, जैसाकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने BJP पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर करारा वार किया है, राम मंदिर के निर्माण को लेकर BSP के महासचिव सतीश मिश्रा ने BJP पर वार करते हुए कहा कि अयोध्या में कोई भूमि पूजन नहीं हुआ बल्कि वहां ईंट पूजन हुआ है, साथ ही उन्होंने अयोध्या में सारे लोग मुझसे सवाल करने लगे कि आप यहां पर क्यों आए हैं। क्या ये भगवान राम के ठेकेदार हैं? क्या भगवान राम को इन्होंने अपनी वसीयत समझा है? ब्राह्मण समाज तो वैसे भी बुद्धिजीवी समाज होता है। मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार के दौरान 100 से अधिक ऐसे मामले हुए हैं जहां ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्याएं हुईं या एनकाउंटर हुए।’
आज तक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आए BSP नेता सतीश मिश्रा ने ने कहा कि मैं अयोध्या गया और रामलला के दर्शन किए तो सबने आपत्ति ज़ाहिर की, पूरी BJP विरोध में खड़ी हो गई, सभी मुझसे सवाल कर रहे थे कि आप यहां क्यों आए हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह भगवान के ठेकेदार हैं? क्या भगवान राम को इन्होने अपनी वसीयत समझ रखा है? ब्राह्मण समाज तो वैसे भी बुद्धिजीवी होता है, मिश्रा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के दौरान 100 से ज़्यादा मामले ऐसे हुए हैं जहां ब्राह्मण समाज के लोगों की हत्याएं या एनकाउंटर हुए।
अयोध्या का ज़िक्र करते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अयोध्या को लेकर बड़ी बड़ी बातें हो रही हैं, आप वहां जाकर देखिए तो पता चलेगा कि वहां क्या विकास हुआ है, शहर के भीतर चलना मुश्किल है, अयोध्या का सन 1993 से अब तक कोई हिसाब नहीं मिला है कि राम मंदिर के चंदे का क्या हुआ, जैसे ही कोर्ट का फ़ैसला आया तो इन्होंने फिर लोगों को चंदा इकट्ठा करने भेज दिया कि जाओ फिर चंदा लेकर आओ, मंदिर बनाना है फिर 10 हज़ार करोड़ इकट्ठा कर लिया।
सतीश चंद्र ने मिश्रा ने भूमि पूजन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अभी केवल अयोध्या में ज़मीन को समतल बनाया गया है, पिछले साल केवल ईंट पूजन हुआ था, भूमि पूजन नहीं हुआ था, लोगों को भ्रमित किया गया था कि हम भूमि पूजन कर रहे हैं, वह भी ऐसे दिन हुआ था जिस दिन ब्राह्मणों और संतों ने कहा था कि यह दिन शुभ नहीं है इसलिए इस दिन पूजा नहीं करें लेकिन फिर भी उसी दिन को चुना गया, आपने ईंट पूजन किया उसके बाद अभी तो नींव दिखाना तो छोड़िए, नींव पड़ी तक नहीं, अब तो निर्णय आए हुए लगभग डेढ़ साल हो गए, इनकी मंदिर बनाने की इच्छा ही नहीं है।

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